Banswara के निजी गोदाम में 6 साल से दुर्गंध, अब नयी सरकार में आई 1108 क्विंटल चीनी
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लचर तंत्र के आगे टलता रहा निस्तारण
ऐसा भी नहीं कि जिला स्तर पर अधिकारी इस खराबे को लेकर गंभीर नहीं रहे। अधिकारियों के बदलाव के बावजूद अनुपयोगी चीनी को लेकर खाद्य एवं आपूर्ति निगम, जयपुर तक पत्र-व्यवहार का सिलसिला भी चला, लेकिन निस्तारण राज्य स्तर से ही होना बताने पर मामला टलता रहा। अगस्त,2023 में नीलामी जिला स्तर पर ही करने का फरमान आया। अधिकारी इस पर कुछ करते, तब तक दो महीने बीत गए और चुनाव आचार संहिता लागू होने से काम पसर गया। इसके चलते चीनी अब भी गोदाम में सड़ रही है। विभागीय सूत्रों के अनुसार खाद्यान्न के साथ उचित मूल्य की दुकानों पर उपभोक्ताओं को वितरण के लिए 1108 क्विंटल चीनी की खेप दिसंबर, 2017 में बांसवाड़ा आई थी।
फिर सरकार बदली, तो साल-दो साल आवंटन का सिलसिला चला तो यह स्टॉक बना रहा। मई-जून 2020 से उपभोक्ताओं को चीनी का वितरण ही बंद कर दिया तो यह स्टॉक पड़ा रह गया और लगातार चार-पांच चौमासों की सीलन से चीनी गल कर सड़ गई। चीनी का मामला मेरे बांसवाड़ा में ज्वाइन करने से पहले का है। पत्राचार किया, जिस पर अगस्त में नीलामी जिला स्तर पर करने की स्वीकृति आई। आचार संहिता लगने से निरस्तारण टल गया था। यह चीनी अब और किसी के काम की नहीं होने से चमड़ा उद्योग या एसिड निर्माण से जुड़ी फर्में ही औने-पौने दामों में नीलामी से लेंगी। नीलामी की प्रक्रिया भी जिला रसद अधिकारी, खाद्य एवं आपूर्ति निगम प्रबंधक और लेखाधिकारी की तीन सदस्यीय टीम कराएगी।