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Banswara पालकी में बैठाकर श्रीहरि की बिनौली निकाली गई, सात फेरे लिए

 
Banswara पालकी में बैठाकर श्रीहरि की बिनौली निकाली गई, सात फेरे लिए

बांसवाड़ा न्यूज़ डेस्क, शहर से सटे ठिकरिया में तालाब किनारे स्थित लाइका माता मंदिर परिसर में गुरुवार को देवउठनी एकादशी पर श्री कालिका माता महिला मंडल के संयोजन में तुलसी विवाह समारोह धूमधाम से मनाया गया। वर पक्ष की ओर से यजमान विष्णु त्रिवेदी भावना त्रिवेदी के घर से श्री कृष्ण शालिग्राम लाए और वधू पक्ष की ओर से यजमान विनोद आर त्रिवेदी हेमलता त्रिवेदी के घर से तुलसी माता को कालिका माता मंदिर लाए। सुबह गणेश स्थापना, पूजन व ग्रह शांति हुई। दोपहर में श्रीकृष्ण की मूर्ति को पालकी में विराजित कर गांव में भ्रमण कराया गया। महिलाएं व युवतियां श्री कृष्ण शालिग्राम की जटा में मंगल गीत गाते हुए चल रही थीं। बस स्टैंड, हनुमान मंदिर परिसर और लक्ष्मीनारायण मंदिर चौक पर गरबा हुआ। बुआ टीका की रस्म विमलप्रभा प्रवीण द्विवेदी ने निभाई। लक्ष्मीनारायण चौक और कालिका माता मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं ने श्रीकृष्ण की पालकी पर मालाएं और मालाएं चढ़ाईं, जिन्हें लेने के लिए महिलाओं में होड़ मच गई। ऐसा माना जाता है कि यह पालकी श्री कृष्ण की है

कस्बे में गुरुवार को पालोदा तुलसी शालिग्राम विवाह महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। रणछोड़राय मंदिर मोटागांव से कन्हैयालाल सेवक ने भगवान श्रीकृष्ण को पालकी में विराजित कर बारात मनोहरलाल गामोट के निवास पालोदा तक पहुंचाई। बारात में शामिल लोगों ने जमकर नाच-गाना किया। मनोहरलाल के घर पर माता तुलसी और भगवान श्री कृष्ण के विवाह की सभी रस्में पूरी की गईं। श्रीकृष्ण की बारात का फूलों से स्वागत किया गया। इससे पहले दिन में पालोदा में तुलसी माता की बिनौली निकाली गई और हल्दी की रस्म भी पूरी की गई। तुलसी श्रीहरि विवाह महोत्सव में पालोदा, मोटागांव सहित आसपास के गांवों से श्रद्धालु शामिल हुए।