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Banswara टापरी में स्कूल का भवन जर्जर, दस साल से नए का इंतजार

 
Banswara टापरी में स्कूल का भवन जर्जर, दस साल से नए का इंतजार

बांसवाड़ा न्यूज़ डेस्क, बांसवाड़ा ग्राम पंचायत पाटनवाधरा के गांव मउड़ी खूंटा में संचालित प्राथमिक स्कूल की यह तस्वीर यहां शिक्षा व्यवस्था की हकीकत बयां कर रही है। स्कूल भवन जर्जरहाल है। 2013 में भवन निर्माण के लिए 14 लाख रुपए स्वीकृत हुए। पर, निर्माण पूरा नहीं हुआ। स्वीकृत बजट के दुरुपयोग और जांच के चक्कर में यह भवन 10 साल से अधूरा पड़ा है। इसके चलते बच्चों को अभिभावकों की मदद से त्रिपाल डालकर टापरी बनाकर बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। दरअसल,चालीस वर्ष पुराना यह स्कूल जर्जर ग्राम दानी भवन में संचालित है।

इस कारण बारिश के दिनों में बच्चों को भवन के पास टापरी बना कर पढ़ाया जा रहा है। यहां नामांकन 45 है और एक कमरा है, जो जर्जर हाल है। वर्ष 2013 में ग्रामीणों की मांग पर विद्यालय की स्थापना ग्राम दानी सभा भवन में की गई थी। भवन निर्माण के लिए 14 लाख 50 हजार रुपए की स्वीकृति जारी की गई थी। सर्व शिक्षा अभियान ने निर्माण के लिए पहली किस्त 10 लाख 76 हजार 625 रुपए वर्ष 2014 में एसएमसी खाते में जमा कराए थे। तत्कालीन सचिव अध्यापक मणिलाल की ओर से राशि आहरित कर निर्माण कराया गया, जिसका मूल्यांकन करने पर 1 लाख 80 हजार 190 रुपए का काम ही सामने आया। शेष राशि के दुरुपयोग े पर कार्रवाई भी शुरू की गई थी। सरपंच नंदा देवी एवं समाज सेवी मनसुख पारगी का कहना है कि कई बार अधिकारियों को अवगत करवाया है।

 पीओपी की मूर्तियां बनाने पर कार्रवाई

बांसवाड़ा नगर परिषद टीम से गुरुवार शाम प्लास्टर ऑफ पेरिस से मूर्तियां बनाने वाली दुकानों पर कार्रवाई की। दो स्थानों से तकरीबन 100 बैग जब्त किए गए। नगर परिषद के सहायक अभियंता अजय गहलोत ने बताया कि सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की गाइड लाइन के अनुरूप कार्रवाई की गईा। उदयपुर रोड और दाहोद रोड स्थित दो मूर्तिकारों के प्रतिष्ठानों पर कार्रवाई कर प्लास्टर ऑफ पेरिस के तकरीबन 100 बैग जब्त किए गए। सहायक अभियंता गहलोत ने बताया कि प्लाटस्टर ऑफ पेरिस से मूर्तियां बनाने वालों को पूर्व में पाबंद किया था कि वे प्लास्टर ऑफ पेरिस से मूर्तियों न बनाएं अन्यथा कार्रवाई की जाएगी। उक्त मूर्तिकारों ने कार्य जारी रखा। इसके बाद ही गुरुवार को कार्रवाई की गई। उन्होंने बताया कि इसमें कैल्शियम सल्फेट नामक पदार्थ होता है, जो जल में अघुलनशील है। इस कारण पानी दूषित होता है, जो जल, जलीय जन्तु और वनस्पति के ठीक नहीं है।