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Banswara शहर में सफाई के नाम पर हर माह 15 लाख खर्च, फिर भी बंटाधार

 
Banswara शहर में सफाई के नाम पर हर माह 15 लाख खर्च, फिर भी बंटाधार

बांसवाड़ा न्यूज़ डेस्क, बांसवाड़ा न व्यवस्था में कमी न संसाधनों में। इसके बाद भी शहर में जगह-जगह कचरे के ढेर देखने को मिल जाएंगे। जबकि, शहर के 60 वार्डों में सिर्फ साफ-सफाई के नाम पर नगर परिषद तकरीबन साढ़े तेरह लाख रुपए प्रत्येक माह कचरा संग्रहण के नाम पर खर्च कर रही है। इसके अतिरिक्त नगर परिषद के वाहनों पर व्यय, संसाधनों पर व्यय अलग ही है। आलम इस कदर बिगड़े हैं कि बारिश होते ही ये कचरा दुर्गंध मारने लगता है। वर्तमान में स्थायी और अस्थाई मिलाकर 400 से अधिक सफाई कर्मचारी कार्यरत हैं। सफाई व्यवस्था के लिए अस्थाई तौर पर तकरीबन 50 सफाई कर्मचारी भी नियुक्त किए गए हैं। तकरीबन 50 सफाई कार्मिकों को ही नगर परिषद प्रत्येक माह करीब 4 लाख दो हजार रुपए बतौर मानदेय भुगतान कर रही है। सिर्फ इतना ही नहीं इन पर निगरानी रखने के लिए 14 जमादार और 5 सफाई निरीक्षक भी हैं। फिर भी हालात खराब हैं।

डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण करने के लिए दो वर्ष की अवधि के लिए तकरीबन तीन करोड़ 28 लाख रुपए का टेंडर किया गया है। इस टेंडर के तहत निर्धारित किए गए रूट पर कचरा संग्रहण वाहनों लगाना है। सूत्र बताते हैं कि कचरा संग्रहण के लिए किए गए टेंडर के बाद से संवेदक संस्था पर दो बार पैनल्टी भी लगाई जा चुकी है। घरों से कचरा उठाकर कचरा संवेदनशील बिंदु (जीवीपी) पर डाला जाता है। जहां कचरा एकत्रित कर डंपिंग यार्ड में भेजा जाता है। शहर में भी कुछ स्थानों पर कचरा संग्रहण केंद्र है। जिनकी स्थिति हद से ज्यादा खराब है।

इन कचरा संग्रहण केंद्रों के आसपास लोगों का जीना दुश्वार हो चुका है। क्षेत्रवासी बताते हैं कि इन केंद्रों से कचरा अच्छे से नहीं उठाया जाता। इस कारण दुर्गंध आती रहती है। बारिश के दिनों में तो स्थिति और भी खराब हो जाती है। डोर टू डोर कचरा संग्रहण के लिए टेंडर किए गए हैं। कचरा संग्रहण केंद्र या डस्टबीन से कचरा उठाने का काम नगर परिषद का है। कचरा संग्रहण केंद्र पर सफाई व्यवस्था और दुर्गंध खत्म करने को लेकर प्रयास करेंगे। ताकि आमजन को दिक्कत न हो और बीमारी को भी फैलने से रोका जा सके।