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Banswara पुलिस की ढीली कार्रवाई पर 6 जिलों के राजपूत समाज ने जताया गुस्सा, निकाली रैली

 
Banswara पुलिस की ढीली कार्रवाई पर 6 जिलों के राजपूत समाज ने जताया गुस्सा, निकाली रैली
बांसवाड़ा न्यूज़ डेस्क, बांसवाड़ा  मोटागांव थाना क्षेत्र के रामजी मंदिर पादर मठ के मामले में पुलिस की ढीली कार्रवाई के कारण 22 आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने का मामला तूल पकड़ता नजर आ रहा है. बांसवाड़ा सहित डूंगरपुर, प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़, सलूंबर और उदयपुर से 10 से ज्यादा राजपूत संगठन और सर्व समाज के 500 से ज्यादा लोग बांसवाड़ा के पुराने राजपूत छात्रावास पहुंचे. जहां से रैली के रूप में नारेबाजी करते हुए कलक्ट्रेट पहुंचे। जहां उन्होंने कलेक्टर, एसपी और संभागीय आयुक्त को ज्ञापन सौंपकर आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की. साथ ही गिरफ्तारी नहीं होने पर लोकतांत्रिक तरीके से विरोध करने की बात कही. इधर, रैली के कलक्ट्रेट पहुंचने पर पुलिसकर्मियों द्वारा गेट बंद रखने पर राजपूत समाज के लोगों ने नाराजगी जताई। बाद में श्री राजपूत करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष भंवर सिंह सलाड़िया ने पुलिसकर्मियों से बातचीत कर गेट खुलवाया. वागड़ क्षत्रिय महासभा बांसवाड़ा, वागड़ क्षत्रिय महासभा डूंगरपुर, श्री राजपूत करणी सेना बांसवाड़ा, श्री राजपूत करणी सेना डूंगरपुर, श्री राजपूत करणी सेना प्रतापगढ़, मेवाड़ क्षत्रिय महासभा उदयपुर, मेवाड़ क्षत्रिय महासभा प्रतापगढ़, दहेज विरोधी महिला क्षत्रिय संघ, रामजी मंदिर पादर मठ भक्त संघ के पदाधिकारियों व सदस्यों ने ज्ञापन दिया। गौरतलब है कि मोटागांव के ठाकुर पृथ्वी सिंह के मुताबिक रामजी मंदिर 400 साल से भी ज्यादा पुराना है. इस मठ के नाम पर करीब 70 बीघे जमीन है.

मंदिर के तत्काल महंत मणिशंकर महाराज की मृत्यु के बाद कुछ असामाजिक तत्वों ने साजिश रचकर फर्जी वसीयत बनाकर उस पर अपना अधिकार जताने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार कर लिये. इसकी जानकारी मिलने के बाद उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया, लेकिन मोटा गांव थाने की पुलिस द्वारा जांच में ढिलाई बरतने के कारण दोनों पक्षों के बीच विवाद बढ़ गया. इसी बीच आरोपियों ने हाईकोर्ट से स्टे ले लिया। जिसका समय 1 अगस्त को समाप्त हो चुका है. रैली के दौरान मंदिर महंत सुदर्शन दास खाकी, हरिओमदास, वागड़ क्षत्रिय महासभा बांसवाड़ा अध्यक्ष राजेंद्र सिंह आनंदपुरी, श्री राजपूत करणी सेना प्रदेश अध्यक्ष भंवरसिंह सलाड़िया, मेवाड़ क्षत्रिय केंद्रीय महासभा अध्यक्ष अशोक सिंह मेतवाला, डूंगरपुर महासभा अध्यक्ष प्रहलाद सिंह चिबुड़ा, मेवाड़ क्षत्रिय महासभा अंबिका बाणेश्वरी संस्थान प्रतापगढ़ के जिला अध्यक्ष दिग्विजय सिंह चिकलाड़, श्री राजपूत करणी सेना बांसवाड़ा के जिला अध्यक्ष केसरी सिंह टामटिया अहाड़ा, श्री राजपूत करणी सेना डूंगरपुर के जिला अध्यक्ष विक्रम सिंह, दहेज विरोधी महिला क्षत्रिय संघ की कार्यकारी अध्यक्ष प्रियंका कंवर चूंडावत, समानता मंच के संरक्षक दिग्विजय सिंह , शंकरसिंह पादर किशन सिंह नेताजी का गढ़ा, पृथ्वी सिंह मोटागांव, दिग्विजय सिंह लांबापाड़ा, परमेश्वर सिंह बिलेसरी यादवेंद्र सिंह देवद, बहादुर सिंह प्रतापगढ़, कुबेरसिंह, दिग्विजय सिंह, कृष्णपाल सिंह, सत्यनारायण सिंह, अशोक सिंह, गोविंद सिंह, नरेंद्र सिंह ढाणी, विक्रम निनामा धूलजी पाटीदार कमलाशंकर आदि मौजूद थे।

फर्जी दस्तावेजों से मंदिर की जमीन हड़पने की साजिश की सूचना पर 2 सितंबर 2020 को मोटा गांव थाने में आरोपियों के खिलाफ सबूतों के साथ एफआईआर दर्ज की गई थी, लेकिन तत्कालीन थानेदार हेमंत चौहान ने आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया और उन्हें शिथिल कर दिया. उन्हें हाई कोर्ट जाने का मौका मिला. जिसके चलते उन्होंने हाईकोर्ट से स्टे ले लिया। इस मामले को तीन साल बीत चुके हैं. 2 अगस्त 2023 को कोर्ट से स्टे हटा, 22 आरोपियों में से एक नागजी जो विदेश में कुवैत चला गया है, जिसे भारत लाकर गिरफ्तार किया जाए, फर्जी दस्तावेज दिखाकर बिजली कनेक्शन की निष्पक्ष जांच कर मुकदमा चलाया जाए, 5 अगस्त 2020 में मोटा टांडा, मोटा टांडा के कुछ लोगों ने पुलिस जीप के शीशे तोड़ दिये, सिपाहियों से अभद्रता और मारपीट के आरोप में 7 लोगों को नामजद किया, 20 अन्य के खिलाफ एफआईआर के बावजूद पुलिस ने सिर्फ 2 लोगों का चालान किया। इस मामले में झूठे मुकदमे की दोबारा जांच की जाए और थानेदार पर कार्रवाई समेत अन्य मांगें भी रखी गईं.