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Rajasthan Assembly Election 2023: चुनावी साल में सीएम गहलोत डेमेज कंट्रोल की कोशिश में जुटे, आज पहली बार करेंगे बांसवाड़ा विधानसभा का दौरा

 
Rajasthan Assembly Election 2023: चुनावी साल में सीएम गहलोत डेमेज कंट्रोल की कोशिश में  जुटे, आज पहली बार करेंगे बांसवाड़ा विधानसभा का दौरा

बांसवाड़ा न्यूज डेस्क। राजस्थान में इस साल विधानसभा के चुनाव होने वाले और सीएम गहलोत पूरी तरह से चुनावी मोड़ में आ चुके है। विधानसभा चुनावों को देखते हुए सीएम गहलोत ने प्रदेश में महंगाई राहत कैंप शुरु किए है। इन कैंप के जरिए सीएम गहलोत एक बार फिर सरकार रिपीट का दावा भी कर रहे है और लगात्तार जिले का दौरा कर इन शिविरों का अवलोकन भी कर रहें है। इसी कड़ी में विधानसभा चुनाव से पहले सीएम गहलोत आज बांसवाड़ा जिले का दौरा करने वाले  है। बीते 4 साल में मुख्यमंत्री गहलोत का बांसवाड़ा विधानसभा में यह पहला दौरा है। हालांकि 27 जनवरी, 2019 को मुख्यमंत्री बनने के बाद त्रिपुरा सुंदरी मंदिर में दर्शन करने पहुंचे थे। अभी तक मुख्यमंत्री बनने के बाद गहलोत जिले में 10 से ज्यादा दौरे हो चुके हैं।

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जिसमें सबसे ज्यादा दौरे सिंचाई मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीया के विधानसभा क्षेत्र बागीदौरा में 5 दाैरे किए हैं। दाे बार मानगढ़ धाम के अलावा मडकोला, उदयपुर बड़ा, झेर गांव के अलावा गांगड़तलाई में किसान सम्मेलन में शिरकत कर चुके हैं। इसके अलावा निर्दलीय विधायक रमीला खड़िया के विधानसभा कुशलगढ़ में भी सीएम का खास फोकस रहा है। जहां आवासीय विद्यालय चुडादा का शिलान्यास, दूसरी बार मामाजी की मूर्ति का अनावरण करने, तीसरी बार प्रशासन गांव के संग अभियान में, चौथी बार कुडिय़ां तालाब डैम का शिलान्यास और पांचवीं बार कुशलगढ़ हॉस्पिटल सीएचसी का शिलान्यास कर चुके हैं। लेकिन इन 4 सालाें में टीएडी मंत्री अर्जुन सिंह बामनिया के विधानसभा क्षेत्र बांसवाड़ा में सीएम गहलोत का कोई कार्यक्रम नहीं हो सका। उधर, इससे पहले सीएम डूंगरपुर के ओबरी में महंगाई राहत शिविर का अवलोकन करेंगे।

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साल 2018 विधानसभा चुनाव जीतने के बाद ही यह तय माना जा रहा था कि बागीदौरा विधानसभा से विधायक मालवीया को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा। लेकिन गहलोत ने बांसवाड़ा से विधायक बामनिया को मंत्रिमंडल में शामिल कर सबको चौंका दिया। इसके तीन साल बाद मालवीया को कैबिनेट मंत्री बनाकर गहलोत ने एक बार फिर मालवीया पर भरोसा जताया। दूसरी तरफ मालवीया-बामनिया के बीच खींचतान भी किसी से छुपी नहीं है। यह स्थिति चुनावी साल में कांग्रेस के आदिवासी वोटबैंक पर असर डाल सकती है, इसलिए चुनाव से पहले गहलोत दोनों नेताओं की सुलह की कोशिश में लगे हैं।