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Banswara वागड़ में 72 की बजाय अब सिर्फ 68 बीएसएनएल टावर लगेंगे, दिवाली से पहले शुरू

 
Banswara वागड़ में 72 की बजाय अब सिर्फ 68 बीएसएनएल टावर लगेंगे, दिवाली से पहले शुरू 

बांसवाड़ा न्यूज़ डेस्क, बांसवाड़ा दीपावली से पहले प्रधानमंत्री द्वारा भेजे गए तयशुदा कार्यक्रम के अनुसार बांसवाड़ा-डूंगरपुर जिलों में 12 स्थानों पर बीएसएनएल की 4जी तकनीक की मोबाइल इंटरनेट सेवाएं प्रारंभ हो जाएंगी। बीएसएनएल के महाप्रबंधक सुमित दोसी ने बताया कि पहले दोनों जिलों में किसी भी मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनियों की मोबाइल इंटरनेट सेवाओं से वंचित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए मोबाइल इंटरनेट सेवाएं मुहैया करवाए जाने के लिए 72 मोबाइल टावर लगाए जाने थे। जिनमें से अधिकांश मोबाइल टावर लगाए जाने का काम प्रारंभ हो चुका है और इसके लिए डूंगरपुर में तीन स्थानों को छोड़ कर शेष स्थानों पर जमीनों के आवंटन का काम भी पूरा हो चुका है। उल्लेखनीय है कि 4जी तकनीक के 30 मोबाइल टावर बांसवाड़ा जिले में, 6 मोबाइल टावर प्रतापगढ़ जिले में और 28 मोबाइल टावर डूंगरपुर जिले के मोबाइल इंटरनेट सेवाओं से वंचित क्षेत्रों में लगा दिए जाएंगे।

इससे जिलों के उन गांवों में शिक्षा के स्तर में सुधार होगा, जहां पर इंटरनेट कनेक्शन नहीं होने के कारण ऑनलाइन पढ़ाई नहीं हो पा रही है। पहले बांसवाड़ा और डूंगरपुर जिलों में 4 जी तकनीक के 72 टावर सेचुरेशन कार्यक्रम के तहत लगाए जाने थे, लेकिन अब इनमें से 4 मोबाइल टावर अब प्रतापगढ़ जिले के पंडवा, मेहंदी खेड़ा, देव, मउ गांवों में लगाए जाएंगे। जो बांसवाड़ा जिले की सीमा से सटे हैं। अब बांसवाड़ा और डूंगरपुर जिलों में 68 स्थानों पर फोर जी तकनीक के मोबाइल टावर लगाए जाएंगे।

चंद्रयान मिशन-3 में बांसवाड़ा की मारिया ने भी बढ़ाया मान

बांसवाड़ा| चांद पर चंद्रयान की सफल लैंडिंग कराने वाली इसरो के वैज्ञानिकों की टीम का वागड़ की बेटी मारिया रतलामी भी हिस्सा रहीं। चांद पर सफल व सॉफ्ट लैंडिंग के साथ ही जहां देशभर में जश्न का माहौल था, वहीं बांसवाड़ा में और मारिया के घर पर भी जमकर खुशी मनाई गई। बोहरा समाज के लोगों ने भी मारिया के पिता खोजेमा रतलामी व मां मुनीरा को बधाइयां दी। मारिया 12वीं कक्षा तक बांसवाड़ा में ही पढ़ी। 12वीं में उन्होंने टॉप भी किया। इसके बाद मारिया बेंगलुरु चली गईं और इसरो से संबद्ध यूनिवर्सिटी में उन्होंने आगे की पढ़ाई पूरी की। यहीं से उनका इसरो में चयन हुआ। मारिया के पिता की बांसवाड़ा में कस्टम पर स्पेयर मोटर पार्ट्स की दुकान है। चंद्रयान-3 की लैंडिंग के दौरान मारिया का परिवार ही नहीं, रिश्तेदार व अन्य मिलने वाले लोग भी टीवी पर लाइव टेलीकास्ट देखते रहे।