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Banswara अजमेर डिस्कॉम में अफसरों की हालत खस्ता, हड़ताल से बढ़ी परेशानी

 
Banswara अजमेर डिस्कॉम में अफसरों की हालत खस्ता, हड़ताल से बढ़ी परेशानी

बांसवाड़ा न्यूज़ डेस्क, बांसवाड़ा पुरानी पेंशन स्कीम सहित लंबित मांगों को लेकर फील्ड के कनिष्ठ अभियंता और कर्मचारी हड़ताल पर उतरने से अजमेर डिस्कॉम बांसवाड़ा वृत में आला अधिकारियों की हालत खराब होने लगी है। देहात में सहायक अभियंताओं पर काम का दोहरा भार है, तो प्रबंधन को बिजली आपूर्ति निर्बाध रखने के लिए वैकल्पिक इंतजाम में संविदाकर्मियों को रोकना पड़ रहा है। प्रदेश के तीनों निगमों में कनिष्ठ अभियंता 21 अगस्त से हड़ताल पर हैं। तकनीकी कर्मचारी भी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर उतर आए हैं। इससे बिजली तंत्र की व्यवस्थाएं सुचारू रखने में अफसरों को पसीना आ रहा हैं। अधीक्षण अभियंता सात सौ में से दो सौ तकनीकी कर्मचारी ही हड़ताल पर बता रहे हैं, लेकिन फील्ड में हालात जुदा हैं। देहात की दिक्कतों को लेकर रोहिणी नगर में नियंत्रण कक्ष भी प्रारंभ किया गया है।

देहात में भी बिगड़ने लगे हालत

छोटी सरवन, सज्जनगढ़ उपखंडों में हालात ज्यादा खराब है। कनिष्ठ अभियंता और कई स्थायी कर्मचारी हड़ताल पर हैं। कुशलगढ़ में ऐसे ही हालात में आपूर्ति मेंटेन रखी जा रही है। बावजूद गांवों में उपभोक्ताओं की आपूर्ति संबंधित शिकायतों के निस्तारण के लिए संविदा कर्मियों पर निर्भर रहना पड़ रहा है। बांसवाड़ा शहर के दोनों उपखंडों में कनिष्ठ अभियंता चार ही हैं। वे गुरुवार को उपलब्ध नहीं रहे। शहरी उपखंड प्रथम के सात तकनीकी कर्मचारी भी 21 अगस्त से हड़ताल पर हैं। उपखंड द्वितीय के आठ कर्मचारियों ने शुक्रवार से हड़ताल में शामिल होने का अल्टीमेटम दे दिया। यहां सेवा प्रदाता सिक्योर को ठेका होने से उपभोक्ताओं की समस्याओं के निराकरण को लेकर दिक्कत नहीं है, लेकिन लाइनों के रखरखाव और आपूर्ति सुचारू रखने का दारोमदार सहायक अभियंता, संविदाकर्मियों और बचे-खुचे कार्मिकों पर है।

कर्मचारी बोले-नहीं हटेंगे पीछे

इस बीच, अन्य राज्यकर्मियों की तरह पुरानी पेंशन योजना लागू करने, करने, इंटर डिस्कॉम स्थानांतरण नीति बनाने, हार्ड ड्यूटी एलाउंस, ठेकाकर्मियों को नियमित अथवा बजट घोषणा के अनुरूप संविदाकर्मियों को को ग्रेड पे का लाभ देने सहित 13 सूत्रीय मांगों को लेकर राजस्थान विद्युत तकनीकी कर्मचारी एसोसिएशन संगठन ने आंदोलन से पीछे हटने से इनकार किया है। जिलाध्यक्ष भगवतीलाल डिंडोर ने बताया कि 21 अगस्त से जयपुर में बेमियादी महापड़ाव जारी है। जायज मांगों को लेकर प्रदर्शन पर समय-समय की वार्ताओं में विद्युत प्रशासन ने आश्वासन ही दिया है। सरकार के समक्ष ठीक से पैरवी के बजाय आवाज दबाने के लिए सर्विस ब्रेक करने जैसे आदेश निकले हैं। यह तानाशाही है। मांगें पूरी नहीं होने तक आंदोलन जारी रहेगा। बांसवाड़ा में विद्युत तंत्र पूरी तरह मेंटेन है। ग्रामीण में दो जीएसएस पर अपने कर्मचारी लगाए हैं। सात सौ में से 200 तकनीकी कर्मचारी ही हड़ताल पर हैं। प्रबंध निदेशक की ओर से संविदा कर्मियों के लिए आदेश जारी किया है। उनके साथ नई भर्ती में आए प्रोबेशनल से सेवाएं सुचारू रखे हुए हैं।