Banswara गर्भवती महिला की गला रेतकर नृशंस हत्या करने वाले पति को आजीवन कारावास की सजा
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बांसवाड़ा न्यूज़ डेस्क, बांसवाड़ा जिले के सदर इलाके में चार साल पहले एक गर्भवती की गला काटकर नृशंस हत्या के मामले में अपर सेशन न्यायालय, बांसवाड़ा ने आरोपी पति को दोषी करार दिया। चरित्र पर शंका के चलते हुई वारदात के बाद पुलिस को गुमराह किया था, लेकिन जांच में उसके ही खिलाफ प्रमाण मिले। आरोपी का यह संगीन अपराध साबित होने पर एडीजे नवीनकुमार चौधरी ने उम्रकैद की सजा सुनाई।प्रकरण में सागड़ोद के पास घीवापाड़ा निवासी मुकेश पुत्र हीरालाल भाभोर पर आरोप था कि 31 जनवरी, ,2019 को उसकी पत्नी गौरी उर्फ माया को बाइक पर सूने में ले गया और चाकू से गला काटकर हत्या कर दी। इस संबंध में 1 फरवरी,2019 को मृतका के छोटे भाई मलवासा निवासी परिवादी मुकेश पुत्र रमेश बामनिया ने एमजी अस्पताल में रिपोर्ट दी थी। इसमें बताया कि गौरी की शादी करीब दस माह पहले मुकेश से करवाई थी।
दो माह पूर्व मुकेश ने बहन के चरित्र पर शक करते हुए मारपीट की, तो परेशान होकर गौरी पीहर आ गई। समझाइश कर उसे वापस ससुराल भेजा। इसके तीन दिन बाद 31 जनवरी,2019 की शाम करीब आठ बजे उसके मोबाइल पर गौरी के देवर का कॉल आया। उसने बताया कि भाई और भाभी का एक्सीडेंट हो गया है। वह घीवापाड़ा पहुंचा, तो काली आमड़ी मोड़ पर प्रकाश के खेत में गौरी का गला कटा शव पड़ा मिला। वह बुरी तरह लहूलुहान थी। जीजा मुकेश व उसके अन्य रिश्तेदारों ने बताया कि 3-4 नकाबपोश आए और हमला कर उनसे लूटपाट कर भाग गए। हमले से गौरी की मौत हो गई।
मामले में मुकेश ने अपने जीजा मुकेश पर हत्या की आशंका जताई। इस पर पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की। प्रकरण में अनुसंधान से वारदात में मुकेश का ही हाथ होना सामने आया। इस पर उसे गिरफ्तार कर पुलिस ने कार्रवाई की। इसके बाद चालान पेश होने पर एडीजे कोर्ट में सुनवाई चली। इस बीच, अभियोजन की ओर से 25 गवाह और 46 प्रदर्श पेश किए गए। गवाहों में कोई चश्मदीद नहीं था, लेकिन परिस्थितिजन्य साक्ष्य आरोप साबित करने के लिए पर्याप्त रहे। अंतिम बहस के बाद एडीजे नवीनकुमार चौधरी ने 42 पृष्ठीय फैसले में मौजूदा सबूतों के आधार पर हत्या का आरोप प्रमाणित पाया और मुकेश को भादसं की धारा 302 के तहत आजीवन कारावास के साथ एक लाख रुपए जुर्माना सुनाया। सरकार की ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजक शाहीद खान पठान ने की।