जाह्नवी हत्याकांड: मासूम मको इन्साफ दिलाने के लिए पालोदा में सड़कों पर उतरे लोग, दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग

बांसवाड़ा न्यूज़ डेस्क - पालोदा कस्बे में रविवार को 12 वर्षीय मासूम जाह्नवी पाटीदार की निर्मम हत्या के विरोध में सोमवार को जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। पालोदा कस्बे में लोगों में गुस्सा है। कस्बे के सैकड़ों लोग मृतका के घर के बाहर और चौराहों पर शव के इंतजार में जमा हैं। दोपहर करीब 2 बजे शव घर पहुंचा, जिसके बाद कड़ी सुरक्षा और पुलिस बल के साथ समझाइश के बाद शव का अंतिम संस्कार किया गया। सुबह से ही धीरे-धीरे यहां लोगों की भीड़ पहुंचने लगी थी। दोपहर 12 बजे तक हजारों की संख्या में लोग जमा हो गए थे। लोगों की मांग है कि आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए। उन्हें फांसी की सजा दी जाए। भीड़ जुटने की आशंका के चलते पुलिस ने पहले ही पुख्ता इंतजाम कर रखे थे। जिले के करीब 7 थानों का बल और रिजर्व पुलिस दल कस्बे के चप्पे-चप्पे पर तैनात रहा। कई बार स्थिति ऐसी बनी कि उसे नियंत्रित करने के लिए हल्का बल प्रयोग करना पड़ा।
हत्या के विरोध में प्रदर्शन सिर्फ कस्बे तक सीमित नहीं रहा। बल्कि जिले भर के गांव-कस्बों में लोग न्याय की मांग कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी लोग इस घटना को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं।इस हत्या के विरोध में और जाह्नवी को न्याय दिलाने के लिए जिले भर में विरोध प्रदर्शन और ज्ञापन दिए गए। जिला मुख्यालय पर जिला कांग्रेस कमेटी ने पालोदा हत्याकांड में राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन कार्यकारी जिला अध्यक्ष अब्दुल गफ्फार के नेतृत्व में दिया गया। इस दौरान कलेक्टर को दिए ज्ञापन में जल्द से जल्द गिरफ्तारी की मांग की गई।
इधर घाटोल कस्बे में पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए उच्च स्तरीय जांच कमेटी बनाने की मांग की जा रही है। स्थानीय लोगों और संगठनों ने हत्यारों को फांसी की सजा देने की मांग की है। भील प्रदेश विद्यार्थी मोर्चा और भारतीय आदिवासी पार्टी ने घटना की कड़ी निंदा की है। लोगों का कहना है कि राजस्थान में महिलाओं और बच्चियों की सुरक्षा खतरे में है। ठोस कानून बनाकर ऐसी घटनाओं को रोका जाना चाहिए। अगर पांच दिन में हत्यारों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। इसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।