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Banswara चिरंजीवी योजना के तहत कैंसर से जीते दिनेश, योजना में मिला 4 लाख

 
Banswara चिरंजीवी योजना के तहत कैंसर से जीते दिनेश, योजना में मिला 4 लाख 

बांसवाड़ा न्यूज़ डेस्क, बांसवाड़ा मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना ने अपनी जिद पर अड़े छोटे सरवन के दिनेश को बड़ी राहत दी है। उदयपुर के एक निजी अस्पताल में दो महीने तक दिनेश का इलाज चला, लेकिन उसे एक रुपया भी खर्च नहीं करना पड़ा. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एचएल तबियार ने बताया कि छोटी सरवन प्रखंड के आदिभाटी निवासी दिनेश कई वर्षों से मुंह में बार-बार छाले होने से परेशान था. वह इलाज के लिए छोटी सरवन सीएचसी आया था। यहां दिनेश ने प्रखंड मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मुकेश मैदा से मुलाकात की. कैंसर की शंका होने पर डॉ. मुकेश मैदा ने उदयपुर के एक निजी अस्पताल में संपर्क कर चिरंजीवी योजना के पैकेज की जानकारी ली. फिर दिनेश के सारे दस्तावेज तैयार कर उदयपुर भिजवा दिए। यहां जांच में पता चला कि दिनेश को जबड़े का कैंसर है। इस पर दिनेश उदयपुर के अनंत अस्पताल में दो महीने तक भर्ती रहा और इलाज किया गया. उन्होंने कैंसर पर जीत हासिल की है। दिनेश की कीमोथैरेपी भी सात राउंड में हुई।

बीसीएमओ डॉ. मुकेश मैदा ने बताया कि करीब एक लाख रुपये का पैकेज है। मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत 4 लाख का कार्य किया गया। 38 वर्षीय दिनेश गांव में ही प्लंबर का काम करता है। ऐसे में उन्हें चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना से बड़ी राहत मिली है। गौरतलब है कि इससे पहले डॉ. मुकेश मैदा ने अपने स्तर पर गंभीर मरीजों को चिन्हित कर उदयपुर भेजा था. जहां उन्होंने मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ दिलाने में अहम भूमिका निभाई।

जिला कलक्टर प्रकाशचंद्र शर्मा मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना की मॉनिटरिंग भी कर रहे हैं। कलेक्टर शर्मा ने जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में यह भी निर्देश दिये थे कि यदि कोई गंभीर बीमारी से ग्रसित मरीज अस्पताल आता है और उसे रेफर करना हो तो उसे रेफर के साथ चिरंजीवी योजना की जानकारी दी जाये. ताकि वह निजी अस्पतालों में भी मुफ्त इलाज करा सके। साथ ही मरीज की समस्या के अनुसार उसे उपचार की सलाह दें। इसके बाद छोटी सरवन बीसीएमओ ने योजना का लाभ दिलाने के लिए अभियान चलाया। गौरतलब है कि चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत पहले 10 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिलता था, जिसे अब बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दिया गया है.