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Banswara 454 स्कूलों में डिजिटल शिक्षा लागू, 217 में स्मार्ट बोर्ड लगाए गए

 
Banswara 454 स्कूलों में डिजिटल शिक्षा लागू, 217 में स्मार्ट बोर्ड लगाए गए

बांसवाड़ा न्यूज डेस्क, बांसवाड़ा अब मिशन शुरुआत के तहत शिक्षकों की अनुपस्थिति में भी वीडियो के माध्यम से पढ़ाई कराने की तैयारी पूरी कर ली गई है। इसके तहत बांसवाड़ा में कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों के लिए स्कूलों में व्यवस्था की जा रही है. राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद ने जिले के 454 राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में (4 टीबी हार्ड डिस्क) भेजी है। जिसे स्कूलों में वितरित कर दिया गया है। इस हार्ड ड्राइव में कक्षा 9 से 12 तक के सभी विषयों की पढ़ाई से संबंधित वीडियो हैं। बच्चों को स्कूल के स्मार्ट क्लास या कंप्यूटर लैब में लगे स्मार्ट टीवी के माध्यम से पढ़ाया जाएगा।

दरअसल, स्कूलों में शिक्षकों के पद खाली होने या किसी के लंबी छुट्टी पर चले जाने के कारण पढ़ाई का कोर्स समय पर पूरा नहीं हो पाता है। कई बार शिक्षकों के रिक्त पदों के कारण समय-समय पर स्कूलों में तालाबंदी जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है। तीन महीने पहले शुरू हुए मिशन स्टार्ट के तहत ई-कंटेंट कुशल शिक्षकों द्वारा कंप्यूटर लैब और विभिन्न डिजिटल संसाधनों के माध्यम से उपलब्ध कराया गया है। अब हर शुक्रवार को टाइम टेबल बनाया जाएगा। कार्यक्रम अधिकारी पंकज कुमार मेहता ने बताया कि 217 सरकारी स्कूलों में स्मार्ट बोर्ड लगाने के साथ ही 13 महात्मा गांधी स्कूलों में रोबोटिक्स लैब को भी मंजूरी दे दी गयी है. कार्यालय अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक समग्र शिक्षा सुशील कुमार जैन ने कहा कि डिजिटल शिक्षा अब एक सशक्त माध्यम बनता जा रहा है।

विधि विद्यार्थियों ने किया किशोर न्याय बोर्ड की प्रक्रिया का अवलोकन

डॉ. नागेंद्र सिंह विधि महाविद्यालय में प्राचार्य डॉ. विक्रम सिंह के निर्देशन में विधि विद्यार्थियों का एक दल जिला किशोर न्याय बोर्ड की प्रक्रिया का संजीव अवलोकन किया। जहां किशोर न्याय बोर्ड सदस्यों ने विधि विद्यार्थियों किशोर न्याय (बच्चों की देखरेख तथा संरक्षण) अधिनियम 2015 के विभिन्न प्रावधानों की जानकारी दी गई। भारतीय विद्या मंदिर संस्थान के सचिव शांतिलाल सेठ ने बताया कि किशोर द्वारा विधि विवादित कार्य करने से लेकर उसके बाद की देखरेख के उपबंधों को सविस्तार बताया। बाल कल्याण समिति अध्यक्ष तथा सदस्यों ने भी उपेक्षित बच्चों के संरक्षण तथा देखभाल संबंधित प्रावधानों से विघार्थियों को अवगत करवाया। इस अवसर पर विधि प्राध्यापक डॉ.ओम प्रकाश, डॉ. अपरा प्रजापत, डॉ. दिनेश तेली,योगिता सिकरवार, डॉ. हिमानी जोशी,अपूर्वा जैन मौजूद रहे।