Banswara में श्रद्धालुओं ने देखा यज्ञार्चन और भागवत पारायण
बांसवाड़ा न्यूज़ डेस्क, समस्त पितरों की मोक्ष की कामना को लेकर नगर के लालीवाव मठ पर आयोजित लक्ष्मीनारायण महायज्ञ, अष्टोत्तरशत भागवत परायण एवं श्रीमद्भागवत कथा के धार्मिक आयोजन के सातवें दिन सोमवार को साधु-संतों के अलावा नगर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। यजमानों के परिजनों ने सर्व पितृ मोक्ष अनुष्ठान में भाग लेकर तर्पण, हवन एवं सामूहिक आरती की। श्रद्धालुओं ने यज्ञ अर्चना एवं भागवत परायण के साक्षी बने तथा परिक्रमा का पुण्य लाभ लिया। आयोजन में देश के विभिन्न भागों से मठ, अखाड़ों एवं आश्रमों के प्रमुखों के साथ ही विभिन्न संप्रदायों के संत-महात्मा एवं संत-महंतों के संगठनों के राष्ट्रीय स्तर के पदाधिकारी शामिल हुए। मठ के विस्तृत परिसर में सजाए गए पंडालों में चल रहे श्रीविद्या महायज्ञ, श्रीलक्ष्मीनारायण महायज्ञ, 108 श्रीमद्भागवत के मूल पारायण व अन्य विशेष अनुष्ठानों के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगी हुई है।
पूजा-अर्चना विधि देखने, वैदिक ऋचाओं व पौराणिक मंत्रों व स्तोत्रों आदि को सुनने, भगवान श्रीपद्मनाभ, हनुमान, जितेन्द्रिय नागेश्वर के मंदिरों में विराजमान प्रतिमाओं के दर्शन करने के बाद श्रद्धालु लालीवाव मठ के पूर्व पीठाधीश्वरों की प्रतिमाओं के दर्शन व समाधि पर श्रद्धापूर्वक मत्था टेकने के बाद मेला स्थल पर लगी दुकानों व अन्य स्टालों पर खरीदारी भी कर रहे हैं। सोमवार को यज्ञ मंडप में यज्ञाचार्य पं. निकुंज मोहन पंड्या व ब्रह्मर्षि पं. दिव्यभारत पंड्या के आचार्यत्व में श्रीविद्या व विष्णुलक्ष्मी से संबंधित विभिन्न अनुष्ठान, मंत्र जाप, तर्पण, मार्जन व यज्ञार्चन हुए। यज्ञ मंडप में स्थापित दिव्य शिवलिंग का षोडशोपचार से पूजन करने के बाद पंडितों के समूह द्वारा रुद्राभिषेक किया गया। इसी प्रकार शतचंडी अनुष्ठान के अंतर्गत देवी उपासकों ने दुर्गासप्तशती का सामूहिक पाठ किया। अनुष्ठान के अंतर्गत अवारण पूजा, चक्र पूजा, खड्गमाला, त्रिशती, ललिता सहस्रनाम, श्री विद्यामंत्र एवं दरिद्रता निवारण दुर्गा मंत्र सहित श्री सूक्त का पाठ किया गया।