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राजस्थान पुलिस में भ्रष्टाचार! साइबर ठगों को छोड़ने के लिए 3 पुलिसकर्मियों ने ऐंठे लाखों रूपए, एक्शन में आई SP साहिबा

 
राजस्थान पुलिस में भ्रष्टाचार! साइबर ठगों को छोड़ने के लिए 3 पुलिसकर्मियों ने ऐंठे लाखों रूपए, एक्शन में आई SP साहिबा 

सवाई माधोपुर न्यूज़ डेस्क - राजस्थान के सवाई माधोपुर में 5.5 लाख रुपए लेकर 3 साइबर ठगों को छोड़ने के मामले में 3 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया। एसपी ममता गुप्ता ने इसकी जांच की जिम्मेदारी डीएसपी उदय सिंह मीना को दी थी। जांच में पुष्टि होने के बाद मानटाउन थाने के 3 कांस्टेबल नरेश मीना, विजय गुर्जर और बुद्धि गुर्जर को निलंबित कर दिया गया। इनके खिलाफ केस चलाने की अनुशंसा भी की गई है। साइबर ठगी करने वालों के खिलाफ जिला पुलिस ने अभियान चला रखा है।

आरक्षक से बिचौलिए ने किया था सौदा
पुलिस उपाधीक्षक उदय सिंह ने बताया कि 6 लाख रुपए के लेन-देन की शिकायत मिली थी। जांच के बाद पुलिस अधीक्षक ने मानटाउन थाने के कांस्टेबल नरेश मीना, विजय गुर्जर और बुद्धि गुर्जर को निलंबित कर दिया। मानटाउन थाना पुलिस ने खावा खंडोज निवासी सुरेंद्र माली और उसके साथी तथा दुब्बी बनास निवासी सोनू को जटवाड़ा खुर्द स्थित एक मकान से ऑनलाइन ठगी करते हुए पकड़ा था। कांस्टेबल बुद्धि ने तीनों आरोपियों को छोड़ने के लिए सूरवाल निवासी बिचौलिए से सौदा किया था।

आरोपी सोनू साइबर ठगी में वांछित था
इसके बाद तीनों कांस्टेबलों ने 5 लाख 43 हजार रुपए लेकर उसे छोड़ दिया। जबकि आरोपी सोनू मानटाउन थाने में दर्ज साइबर ठगी के एक मामले में वांछित था, जिसकी जांच कोतवाली थाना प्रभारी हरलाल सिंह कर रहे थे। बाद में उन्होंने मामले में वांछित आरोपी सोनू को गिरफ्तार कर लिया। कांस्टेबल नरेश (नीली टी-शर्ट में) और कांस्टेबल बुद्धि (सफेद शर्ट में) को निलंबित कर दिया गया।

जांच के बाद 3 कांस्टेबलों को सजा
मामला बिगड़ गया और तीनों कांस्टेबलों की शिकायत पुलिस अधिकारियों तक पहुंच गई, जिसकी पुलिस उपाधीक्षक ने गोपनीय तरीके से जांच की। इसके बाद जांच रिपोर्ट पुलिस अधीक्षक को सौंपी गई। पुलिस अधीक्षक ने मानटाउन थाने के उक्त तीनों कांस्टेबलों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।