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Banswara प्रदेश में लगातार 50 सीटें हारने पर कांग्रेस का फोकस, मिलेगी अहम जिम्मेदारी

 
Banswara प्रदेश में लगातार 50 सीटें हारने पर कांग्रेस का फोकस, मिलेगी अहम जिम्मेदारी

बांसवाड़ा न्यूज़ डेस्क, विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही सभी राजनीतिक पार्टी अपने स्तर पर हर विधानसभा वार प्लान तैयार कर रही है। कांग्रेस अभी तक तीन से ज्यादा सर्वे करवाकर जमीनी हकीकत को समझ रही है। इस बार कांग्रेस ने सबसे ज्यादा नजर प्रदेश की उन सीटों पर लगा रखी है, जहां लगातार तीन बार हार चुकी है। जयपुर में पार्टी नेताओं की बैठक में तय हुआ कि अब इन सीटों पर गहराई से फोकस करना है। इसके लिए प्रदेश पदाधिकारी इन सीटों की कमान संभालेंगे। पीसीसी में इसको लेकर लगातार मंथन भी चल रहा है और नवनियुक्त पीसीसी पदाधिकारियों को अहम जिम्मेदारी दी जाएगी। जिसमें जिले वाइज और विधानसभा वाइज ड्यूटी लगाने का प्लान है। इसके लिए पार्टी उपाध्यक्ष, महासचिव और सचिवों की ड्यूटी लगाएगी। इसमें जल्दी ही नियुक्तियों के आने की संभावना है।

प्रदेश की ऐसी 50 से ज्यादा सीटें हैं। इसको लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा समेत तमाम नेताओं ने चिंतन किया है। उदयपुर संभाग में कांग्रेस के लगातार तीन बार हारने वाली 4 सीटें और 2 बार लगातार हारने वाली 5 सीटों पर खास फोकस रहेगा। इधर, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के सख्त निर्देश के बाद जिलाध्यक्ष रमेश पंड्या ने जिला कार्यकारिणी को लेकर एक्सरसाइज करना शुरू कर दिया है। इसको लेकर विधायक और प्रत्याशियों से 2-2 नाम मांगे हैं, जिनको कार्यकारिणी में जगह दी जा सके। बताया जा रहा है कि नए अध्यक्ष पूरी टीम तैयार करेंगे, जिससे कार्यकारिणी का पूरा चेहरा बदलेगा। लगातार हारने वाली सीटों को लेकर माइक्रो मैनेजमेंट के तहत पार्टी ने काम शुरू कर दिया है। इसी क्रम में जल्द ही पार्टी अपने अग्रिम संगठनों के नेताओं को भी इन सीटों की जिम्मेदारी दे सकती है। इसके अलावा ऐसी सीटों पर पुराने चेहरे बदलने पर भी विचार चल रहा है। प्रदेश स्तर का प्रभारी ऐसी सीटों के ब्लॉक अध्यक्ष, मंडल अध्यक्ष, बूथ और वार्ड तक की टीम के संपर्क में रहेगा। ऐसे युवाओं की सूची बनेगी, जो यहां का माहौैल बदल सके।

सचिव स्तर का प्रभारी नेता शहर की सीटों पर ज्यादा नजर रहेगी। इसी तरह देहात में भी एक सचिव नियुक्त होगा, जो लगातार दो-तीन बार हारने वाली सीटों पर नजर रखेगा। उसकी रिपोर्ट सीधे प्रदेश अध्यक्ष, सहप्रभारी, प्रभारी और सीएम को होगी। उसकी रिपोर्ट का टिकटों पर भी असर होगा। बूथ लेवल के युवाओं को जोड़ रहे : प्रदेश महासचिव ^ऐसी सीटों के लिए बूथ लेवल पर युवाओं को जोड़ने का काम कर रहे हैं। बूथ स्तर पर अध्यक्ष बना रहे हैं। खास अभियान भी चलाएंगे। सभी नेता मिलकर चुनाव में मजबूती के साथ लड़ेंगे। टिकट को लेकर तो आलाकमान ही तय करेगा, हम तो कैसे कार्यकर्ताओं को जोड़ने, इन सीटों पर कांग्रेस कैसे मजबूत हो। इस पर काम कर रहे हैं। -चांदमल जैन, प्रदेश महासचिव, कांग्रेस { 3 बार हारी : उदयपुर संभाग की बात करें तो 4 सीटें ऐसी सामने आ रही हैं, जहां कांग्रेस लगातार विधानसभा चुनाव हार रही है। जिसमें उदयपुर शहर, रामसमंद, बांसवाड़ा जिले से घाटोल, कुशलगढ़ शामिल हैं। {2 बार हारी : दो बार लगातार हारने में बांसवाड़ा जिले की गढ़ी विधानसभा है। उसके अलावा डूंगरपुर जिले से सागवाड़ा, चौरासी, आसपुर सीटें हैं। वहीं उदयपुर जिले की सलूंबर सीट शामिल है।