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Banswara धोखाधड़ी के आरोप में निजी फाइनेंस कंपनी के प्रबंधकों और एजेंटों के खिलाफ मुकदमा दर्ज

 
Banswara धोखाधड़ी के आरोप में निजी फाइनेंस कंपनी के प्रबंधकों और एजेंटों के खिलाफ मुकदमा दर्ज 
बांसवाड़ा न्यूज़ डेस्क, बांसवाड़ा खमेरा क्षेत्र की एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने निजी फाइनेंस कंपनी के अधिकारियों और एजेंटों पर लोन के नाम पर साजिश के तहत धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है। इसे लेकर पुलिस से शिकायत पर मदद नहीं मिलने पर पीड़िता ने कोर्ट में गुहार लगाई। मामले में घाटोल कोर्ट ने खमेरा पुलिस को एफआईआर दर्ज कर कर जांच के बाद नतीजा पेश करने का आदेश दिया। पुलिस के अनुसार प्रकरण में खमेरा निवासी सुमित्रा पत्नी महिपाल जैन ने एसआरजी हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड के बांसवाड़ा शाखा प्रबंधक प्रेमचंद पंचाल, कंपनी के उदयपुर कार्यालय के निदेशक विनोद जैन और खमेरा निवासी एजेंट अशोक पुत्र मणीलाल सिंगावत जैन, अरविंदसिंह व भूपेंद्रसिंह चौहान के खिलाफ अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट घाटोल में इस्तगासा पेश किया था। इसमें बताया कि उसने कंपनी ने उसे चौदह लाख रुपए का लोन मंजूर किया। फिर 13.10 लाख रुपए देकर लोन राशि 84 किस्तों में भरने को कहा। लोन के लिए उसे एजेंट अशोक जैन को 14 हजार रुपए देने पड़े।

इस दौरान किस्त 32 हजार 796 रुपए की बताए जाने पर पेशे से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता होने से उसने इतनी रकम भरने में असमर्थता जताई तो प्रबंधक और एजेंट सहित अन्य आरोपियों ने छह किस्तें भरने के बाद राशि घटाने का भरोसा दिलाया। फिर दस लाख से ज्यादा राशि जमा होने तक गुमराह किया जाता रहा और आगे 5 अप्रैल, 2023 तक 12 लाख 35 हजार 665.40 रुपए की बाकियात बता दी गई। हिसाब मांगने पर पूर्व में जमा राशि ब्याज, अन्य चार्जेज और पैनल्टी पेटे जमा होना बताकर धमकाया गया कि अब बताई राशि नहीं देने पर घर का सामान फेंककर ताले लगा देंगे। आरोप है कि फिर वसूली के लिए जब-तब घर आकर प्रताड़ित करने का सिलसिला चला।

सेटलमेंट राशि की पेशकश भी की

पीड़िता ने कंपनी अधिकारियों और एजेंटों पर आईबीआई के नियमों के विपरीत जाकर बेजा वसूली करने और बताया पैसा नहीं देने पर बदसलूकी करने का आरोप लगाया। साथ ही बताया कि 6 सितंबर, 2023 को कुल लोन समाप्त करने के लिए उसे 13 लाख 32 हजार 50 रुपए का डिमांड नोटिस भेजा गया। जवाब में नियम विरुद्ध लगाए चार्ज हटाकर भुगतान योग्य सेटलमेंट राशि की पेशकश भी की, लेकिन कंपनी के उदयपुर मुख्यालय ने मकान नीलाम करवाकर जेल भेजने की धमकी दी। इसे लेकर खमेरा थाने और फिर एसपी, आईजी तक गुहार लगाई, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। ऐसे में कोर्ट आना पड़ा। मामले पर कोर्ट ने केस दर्ज कर जांच के बाद नतीजा पेश करने का आदेश दिया। अनुपालना में खमेरा पुलिस ने एफआईआर दर्ज की।