Aapka Rajasthan

Banswara अंतरराज्यीय ड्रग डीलरों की 12 करोड़ रुपये की काली कमाई वाली संपत्ति जब्त

 
Banswara अंतरराज्यीय ड्रग डीलरों की 12 करोड़ रुपये की काली कमाई वाली संपत्ति जब्त

बांसवाड़ा न्यूज़ डेस्क, बांसवाड़ा रेंज में मादक पदार्थों की काली कमाई से बड़ी संपतियां खरीद कर मोटे आसामी बने सौदागरों पर पुलिस ने शिकंजा कसा है। प्रतापगढ़ जिले के दो गिरोह की तस्करी से अर्जित करीब 12 करोड़ की चल-अचल संपति फ्रीज करने में सफलता हासिल की है। राजस्थान में पहली बार इस तरह की कार्रवाई बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। आईजीपी रेंज बांसवाड़ा एस.परिमला ने गुरुवार को बताया कि दोनों गिरोह अंतरराज्यीय तस्करी में लंबे समय से लिप्त रहे। प्रतापगढ़ पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने मालवा व मेवाड़ के मंदसौर, नीमच, प्रतापगढ़ एवं चितौडगढ़ व मारवाड़ क्षेत्र के बाड़मेर, जोधपुर, जालौर, सिरोही, पाली, नागौर जिलों में सक्रिय नशे के तस्कर गिरोहों का गठजोड़ समाप्त करने के लिए अभियान चलाया। मध्यप्रदेश की सीमा से लगे थानों पर विशेष पुलिस टीमें गठित कर कार्रवाईयों के बाद दो केस के आरोपियों को पैसा और शरण देने वालों की टोह ली। एनडीपीएस एक्ट की धारा 68 एफ (1) के तहत इनकी अवैध सम्पति को फ्रीज करने की प्रक्रिया अपनाई। इसे लेकर प्रस्ताव पर भारत सरकार की अधिकृत कंपिटेंट ऑथोरिटी व एडमिनिस्ट्रेटर सफेमा (एफओपी) एंड एनडीपीएस एक्ट नई दिल्ली ने फ्रीजिंग आदेश को स्थाई कर अनुमोदित किया। इसके बाद करीब 12 करोड़ की संपतियां फ्रीज की गई।

पुलिस पर की थी फायरिंग

एक केस छोटी सादड़ी थाना क्षेत्र का है। इसमें गत 25 मार्च को दीपक कुमार की टीम ने नाकाबंदी तोडकऱ भागने के प्रयास पर पीछा कर 3 वाहनों के चालकों को पकड़ा। पुलिस पर फायरिंंग कर गाडिय़ां छोड़ भागते तस्करों पर जवाबी कार्रवाई की गई तो दो आरोपियों के पैरों मे गोली लगी। गाडिय़ों की तलाशी में 20 किलो अवैध अफीम, 13 क्विंटल डोडा चूरा, 2 पिस्टल, 1 जिंदा राउंड मिलने पर केस दर्ज किया। अनुसंधान के दौरान 33 आरोपी नामजद हुए, जिनमें से 16 गिरफ्तार किए। जांच में इन तस्करों को वित्तीय सहयोग में प्रयुक्त 48 बैंक खाते डेबिट सामने आए, जिनसे पूर्व में मादक पदार्थ की खरीद-फरोख्त के लिए करोड़ों का लेनदेन हुआ था। इस पर लाखों के जमाशुदा इन खातों को फ्रीज कराया।

पिता-पुत्रों की निकली करोड़ों की संपत्ति

दूसरा केस अरनोद का रहा, जिसमें 1 जुलाई को पुलिस ने विरावली में कार्रवाई कर विष्णुदास पुत्र तुलसीराम बैरागी और उसके दो बेटों कमलेश और शैलेन्द्र को 3 किलो अफीम, 2 पिस्टल, 3 जिंदा कारतूस व 14 लाख 330 रुपए और आठ दुपहिया-चार पहिया सहित गिरफ्तार किया। एनडीपीएस व आर्म्स एक्ट के केस की जांच में तीनों के लंबे समय से तस्करी करने के संकेत मिले। बैरागी परिवार की विरावली में जमीन व मकान, पीपलखूंट मे हाईवे पर प्लॉट खरीद कर तीन मंजिला कॉम्पलेक्स निर्माण के साथ और 3 कारें व 5 बाइक होने की पुष्टि हुई। अनुसंधान अधिकारी एसएचओ सालमगढ़ ने जांच में चार करोड़ से ज्यादा कीमत की ये संपत्तियां पिता-पुत्रों द्वारा तस्करी से अर्जित होने की पुष्टि पर फ्रीज कराया गया।

घाटोल का मददगार भी आया लपेटे में

बांसवाड़ा. प्रतापगढ़ में अफीम तस्करी से करोड़ों के वारे-न्यारे कर चुकी एक गैंग ने पुलिस के हत्थे चढऩे के बाद संपति फ्रीज होने के अंदेशे पर बचाने के लिए साजिश भी रची थी। इसमें घाटोल का भी एक सहयोगी शामिल रहा। आईजी ने बताया कि अरनोद में मादक पदार्थ, हथियार व वाहनों सहित विष्णुदास और उसके बेटों कमलेश और शैलेन्द्र को गिरफ्तार किया था। करीब छह साल के तस्करी के धंधे से उन्होंने विरावली में जमीन व मकान, पीपलखूंट मे हाईवे पर प्लॉट लेकर तीन मंजिला कॉम्पलेक्स निर्माण के साथ 3 कारें व 5 बाइक खरीदे थे। संपत्तियां फ्रीज कराने की भनक पर आरोपियों ने अपने बहनोई नीमच के मोरवन निवासी सुनील बैरागी, सहयोगी पानी कोटड़ा, सलूम्बर हाल पीपलखूंट निवासी प्रकाश पटेल और घाटोल निवासी गिरीश जैन की मदद से फर्जी कागजात तैयार किए। इसमें पिता-पुत्रों की गिरफ्तारी के दिन से पहले की तारीखों में फर्जी गिरवीनामा और शपथ बनाए। पुलिस ने जांच में ये फर्जी कागजात बरामद कर साजिश को नाकाम करने के साथ गत 5 सितंबर को ही आरोपी सुनील वैरागी, प्रकाश पटेल और गिरीश जैन को गिरफ्तार किया। आरोपियों को 6 व 13 सितंबर को सुनवाई का मौका भी दिया। फिर इनकी पोल खोलने पर चल-अचल सम्पति फ्रीज करने का अनुमोदन होते ही एसपी प्रतापगढ़ के निर्देशन में पुलिस ने कार्रवाई की।

आईजी के अनुसार इस गैंग का सरगना प्रतापगढ़ के बम्बोरी निवासी कमलसिंह उर्फ कमल राणा पुत्र डूंगरसिंह राजपूत ने सुनील मीणा, ओमप्रकाश मीणा व अन्य के जरिए अफीम व डोडा चूरा एकत्र कर मारवाड़ के तस्कर भोजासर निवासी गिरधारीराम जाट व लूणी थानान्तर्गत फींच निवासी रमेश विश्नोई को भरवाया था। कमल व उसके तीन साथियों को 19 जून को सीआईडी सीबी के सहयोग से प्रतापगढ़ पुलिस ने शिरडी में पकड़ा। कमल के मोबाइल संपर्कों के विश्लेषण से राजस्थान मे पहली बार तस्करों को शरण देने व वित्तीय सहयोग करने वालों के खिलाफ बिना कोई जप्ती के धारा 27-ए, 28, 29, 30 एनडीपीएस एक्ट के तहत छोटी सादड़ी थाने में केस दर्ज कर 23 को नामजद करने के साथ 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया। कमल की अर्जित अवैध सम्पति की जांच में पता चला कि उसने अपनी पत्नी के नाम पर सिरोही के ग्राम जावाल व पाली की तहसील बाली में, और सहयोगी अजबाराम उर्फ तेजू देवासी के नाम पर भी प्लॉट खरीदे। इन पर बनाए मकानों के अलावा स्कार्पियो गाड़ी एवं मध्यप्रदेश के मंदसौर और नीमच के ग्राम जीरण में कृषि भूमि चिह्नित की गईं। करीब साढ़े सात करोड़ की संपत्ति उसने सहयोगियों के नाम पर की थी, जिन्हें सक्षम आदेश से फ्रीज किया गया।