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Banswara सीकर में हनीमेश हत्याकांड को लेकर विधानसभा में उठाई आवाज, जाँच की मांग

 
Banswara सीकर में हनीमेश हत्याकांड को लेकर विधानसभा में उठाई आवाज, जाँच की मांग 

बांसवाड़ा न्यूज़ डेस्क, बांसवाड़ा गढ़ी विधायक कैलाशचंद्र मीणा ने गुरुवार को राज्य विधानसभा में आनंदपुरी क्षेत्र के छात्र हनीमेश खांट की सीकर में रैगिंग और हत्या के मामले को उठाया और सरकार से प्रकरण में संज्ञान लेने की मांग की।विधायक मीणा ने विधानसभा में प्रक्रिया एवं संचालन नियम 295 के तहत विशेष उल्लेखित प्रस्ताव पर बोले। उन्होंने कहा कि आनंदपुरी क्षेत्र के चौथमाल गांव के हनीमेश पुत्र रमेशचंद्र खांट सीकर के मेडिकल कॉलेज में प्रथम वर्ष का छात्र था, जिसकी 19 जून को वरिष्ठ छात्रों ने रैगिंग कर हत्या कर दी और शव छत से फेंक दिया। इससे पहले जबरन नशा करवाकर प्रताड़ित करने पर उसने कॉलेज प्रशासन से शिकायत भी की, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। उसके बाद हुए हत्याकांड पर दूसरे दिन सीकर के सदर थाने में हत्या के आरोप में एफआईआर भी दर्ज हुई, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। विधायक मीणा ने बताया कि मृतक के परिजनों ने आनंदपुरी एसडीएम कार्यालय के बाहर धरना देकर प्रदर्शन भी किया। प्रकरण में लीपापोती की आशंका है।

विधानसभा की प्रक्रिया एवं कार्य संचालन समिति नियम 295 के तहत विशेष उल्लेख प्रस्ताव में अनुसूचित क्षेत्र में आरक्षण व्यवस्था को लेकर चौरासी विधायक राजकुमार रोत ने बात रखी। उन्होंने कहा कि जल्द ही अनुसूचित क्षेत्र में आरक्षण व्यवस्था की विसंगतियों को दूर नहीं किया जाता है तो पूरे आदिवासी क्षेत्र में आंदोलन छेड़ा जाएगा। विधायक ने सदन में बताया कि अनुसूचित क्षेत्र में 2013 एवं 2016 की अधिसूचना के आधार पर एसटी 45प्रतिशत, एससी पांच प्रतिशत एवं 50 प्रतिशत सामान्य की व्यवस्था की है। 50 प्रतिशत जो आरक्षण है, उसमें सभी वर्ग के अभ्यर्थी मेरिट के आधार पर जा सकते हैं, ऐसा कहा जाता है, लेकिन हकीकत कुछ ओर ही है। पिछली भर्तियोें को देखें तो पुलिस भर्ती 2013 में बांसवाड़ा में कुल 175 पद थे, इसमें से एससी के 8, एसटी के 78 और सामान्य के 89 पद थे। इन सामान्य 89 पद पर एसटी-एससी के मात्र 3 अभ्यर्थी गए।

इसी प्रकार से 2018 व 2019 की भर्तियों में भी पदों पर एसटी-एससी के अभ्यर्थियों को नहीं लिया गया। वर्तमान समय में जारी आरएएस व आरटीएस भर्ती 2023 में अनुसूचित क्षेत्र के लिए कुल 27 पद स्वीकृत किए। जिसमें एसटी के लिए 8 पद एवं एससी का एक भी पद नहीं है। यह अन्याय है। इसमें पूर्व की आरएएस भर्तियों में भी नाम मात्र के पद दिए गए। रोत ने कहा कि आरक्षण की विसंगतियों को दूर कर अनुसूचित क्षेत्र के आदिवासी एवं एससी समुदाय के शिक्षित बेरोजगारों के साथ होने वाले कुठाराघात को बन्द किया जाए। जल्द विसंगतियां दूर नहीं होने पर आदिवासी क्षेत्र का युवा राज्य सरकार के खिलाफ बड़ा आन्दोलन करेगा।