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Banswara महिलाएं, युवा और दिव्यांग भी मतदान केंद्रों की कमान संभालेंगे

 
Banswara महिलाएं, युवा और दिव्यांग भी मतदान केंद्रों की कमान संभालेंगे
बांसवाड़ा न्यूज़ डेस्क, बांसवाड़ा जिले में जहां पहली बार 80 वर्ष से अधिक आयु, अक्षम और दिव्यांग मतदाताओं को पहली बार घर से ही मतदान की सुविधा मिलेगी, वहीं महिलाएं और युवा भी मतदान केंद्रों की कमान संभालेंगे। इसे लेकर मतदान केंद्रों का आरंभिक तौर पर चयन किया गया है। विधानसभा चुनाव को लेकर जिला निर्वाचन विभाग की ओर से द्वितीय संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम के अन्तर्गत मतदाता सूचियों के प्रारूप प्रकाशन के बाद चार अक्टूबर को अंतिम प्रकाशन भी कर दिया गया है। इसके साथ ही जिले में अधिकाधिक मतदान को लेकर भी मतदाता जागरूकता के लिए विभिन्न गतिविधियों के आयोजन हो रहे हैँ। इसके साथ ही प्रशासन की ओर से जिले के कुल 1375 मतदान केंद्रों में से 85 केंद्रों की कमान महिलाओं, युवाओं और दिव्यांगों को दी जाएगी।

जिला निर्वाचन अधिकारी प्रकाशचंद्र शर्मा के अनुसार जिले की प्रत्येक विधानसभा में पांच केंद्रों पर महिलाएं, पांच केंद्रों पर युवा और एक केंद्र पर दिव्यांग कार्मिक तैनात किए जाएंगे। इस तरह जिले में 40 केंद्रों का संचालन महिलाएं, 40 का युवा करेंगे। वहीं पांच केंद्रों का दायित्व दिव्यांग निर्वहन करेंगे। इसके लिए चयनित केंद्रों पर सभी कार्मिक महिलाएं, 40 वर्ष की आयु तक के युवा कार्मिक व दिव्यांग होंगे। प्रशासन ने आरंभिक तौर पर इन केंद्रों को सूचीबद्ध किया है। इनमें सुरक्षा, आवास, पेयजल, बिजली सहित आवश्यक सुविधाओं का जायजा लिया जा रहा है। इसके बाद केंद्रों का अंतिम निर्धारण किया जाएगा।

उप जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. दिनेशराय सापेला के अनुसार महिलाओं, युवाओं और दिव्यांग की ओर से संचालित किए जाने वाले मतदान केंद्रों पर तैनात किए जाने वाले कार्मिकों को निर्वाचन आयोग की ओर से विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। इन कार्मिकों के प्रशिक्षण व क्षमता वर्धन के लिए स्वयंसेवी, सांख्यिकी से जुड़े संगठन आदि का सहयोग लिया जाएगा। इस नवाचार का ध्येय महिला सशक्तिकरण, लैंगिक समानता और चुनावी प्रक्रिया में महिलाओं की अधिक रचनात्मक भागीदारी को बढ़ावा देने और युवा कार्मिकों में मतदान संबंधी कौशल में अभिवृद्धि करना है। गौरतलब है कि पिछले चुनाव में भी आयोग की ओर से प्रदेश में चयनित 259 मतदान केंद्रों पर महिला कार्मिकों को मतदान दल के रूप में नियुक्त किया गया था।