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Banswara सूखती फसलों को मिलेगी संजीवनी बूटी, माही से मिलेगा नहरों में सिचाई का पानी

 
Banswara सूखती फसलों को मिलेगी संजीवनी बूटी, माही से मिलेगा नहरों में सिचाई का पानी
बांसवाड़ा न्यूज़ डेस्क, बांसवाड़ा मानसून की बेरूखी के कारण खरीफ फसल सूखने से चिंतित किसान राज्य सरकार की उदासीनता पर मुखर हो गए। जिले में बरसात के अभाव में करीब 30 प्रतिशत नुकसान को देखते हुए मंगलवार को किसानों ने फसल बचाने के लिए माही की नहरों में पानी छोड़ने की मांग की। इसके बाद दोपहर में हुई बैठक में सात सितंबर से जलप्रवाह शुरू करने का निर्णय किया। भारतीय किसान संघ के नेतृत्व में बड़ी संख्या में बांसवाड़ा पहुंचे किसानों ने कलक्ट्री परिसर में खरीफ फसल खराबे की जांच करवाकर आपदा व प्रधानमंत्री फसल बीमा का लाभ दिलवाने एवं फसल के लिए माही नहरों में पानी छोड़ने की मांग की।

किसानों ने परिसर में किसानों के साथ न्याय करो, किसानों को बिजली दो के नारे लगाते हुए बताया कि अगस्त माह में वर्षा नहीं होने से खरीफ की सभी फसलें मक्का, सोयाबीन, उड़द, धान अरहर सभी सूखने के कगार पर हैं। सितम्बर माह के प्रथम सप्ताह में भी वर्षा की किसी भी प्रकार की गतिविधि नहीं हो रही है। अब तक 30 प्रतिशत खराब हो चुका है। आने वाले दिनों में बारिश नहीं होने पर खराब और बढ़ेगा। ऐसे में संबंधित विभागों को आदेशित करवाकर फसलों के खराबे का आंकलन करवाकर किसानों को आपदा एवं बीमा के लिए राज्य सरकार से लाभ दिलवाया जाए। संघ के संभागीय अध्यक्ष रणछोड़ पाटीदार, जिलाध्यक्ष खेमजी पाटीदार, अनारसिंह पटेल, महेंद्र कुमार पटेल, हरिसिंह सहित बड़ी संख्या में किसानों ने माही की नहरों में जल प्रवाह कराने के साथ कृषि के लिए 8 से 10 घंटा अनवरत बिजली देने की मांग की ताकि अगले साल के लिए बीज तैयार हो सकें। इसके अतिरिक्त बड़लिया क्षेत्र के किसानों ने भी बिजली व पानी की समस्या को लेकर जिला कलक्टर को ज्ञापन दिया।

इधर, किसानों की मांग और सूखती फसल को देखते हुए मंगलवार को संभागीय आयुक्त नीरज के. पवन की अध्यक्षता में जल वितरण व उपयोगिता समिति की बैठक हुई। इसमें खरीफ फसल को पानी की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए 7 सितम्बर की शाम से 10 दिवस के लिए नहरों के संचालन का निर्णय किया गया। कलक्टर प्रकाशचंद्र शर्मा ने विभागीय अधिकारियों को नहर संचालन से पूर्व सभी व्यवस्था सुनिश्चित करने, जन प्रतिनिधियों एवं किसानों को जल को मितव्ययता, सामंजस्य से काम में लेने को कहा। कलक्टर ने किसानों से खरीफ फसलों की स्थिति की जानकारी लेते हुए बताया कि राजस्व विभाग से फसलों में पानी की आवश्यकता का आंकलन कराया है। आगामी तीन-चार दिवस में पानी की आवश्यकता बताई है। अधिशासी अभियन्ता बांध खंड प्रकाशचन्द्र रेगर ने बताया कि कमाण्ड क्षेत्र में नहरी तंत्र का जीर्णोद्धार चल रहा है। नहर संचालन से पूर्ण अस्थाई रोक, गेटों का संचालन ठीक करने तथा नहरी तंत्र में जल प्रवाह के लिए बाधा मुक्त करने के लिए तीन दिन का समय लगेगा।