Banswara किराये पर रहा और बेटा बनकर चुरा लिए युवक के तीन लाख रुपए, केस दर्ज
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बांसवाड़ा न्यूज़ डेस्क, बांसवाड़ा शहर की रातीतलाई कॉलोनी में बतौर किराएदार रहे शक्स ने अकेली व बुजुर्ग मकान मालकिन के साथ घोखा कर दिया। बेटे की तरह भरोसा कर चाबियां सौंपने पर उसने चोरी-छिपे घर से तीन लाख रुपए नकदी निकाल लिए। इसकी भनक पर बाद में उसने कबूल भी किया, लेकिन पचास हजार लौटाते हुए फिर दगाबाजी कर गया। इसे लेकर कोतवाली में रिपोर्ट पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। प्रकरण को लेकर वृद्धा के बेटे भीतरी शहर में लोहारवाड़ा, सत्यनारायण मंदिर गली निवासी राजेंद्र पुत्र सुंदरलाल गेहलोत ने रिपोर्ट में बताया कि रातीतलाई गली नंबर आठ में मकान मालकिन उनकी मां गणेशीदेवी दूसरे मकान पर अकेली रहती हैं।
करीब दो साल पहले सज्जनगढ़ क्षेत्र का राकेश पटेल पुत्र बाबूलाल पटेल उस मकान के कमरे किराए पर लेकर रहने लगा। घर पर और कोई नहीं होने से छोटे-मोटे कार्यों में मदद कर उसने मां का विश्वास जीता, तो मां भी बेटे की तरफ मानने लगी। इसके चलते कहीं आने-जाने वह घर की चाबी भी उसे सौंप जाती थी। इसका लाभ उठाकर राकेश ने मौका पाकर घर की आलमारी से तीन लाख रुपए नकदी चुरा ली। बाद में इसकी भनक पर मां ने पूछा, तो वह टालने लगा। जब सख्ती से कहा गया कि घर की चाबी उसके सिवा किसी को नहीं दी और बगैर ताला तोड़े नकदी गायब हुई है, तो उसने कबूल किया कि रुपयों की जरूरत होने पर वह बिना कहे या पूछे निकाल ले गया। उसने इंतजाम कर रकम वापस करने की बात कही, तो उसकी पूर्व की सेवाओं को ध्यान में रखकर मां ने मोहलत दे दी और उन्होंने भी पुलिस से शिकायत नहीं की। इसके बाद तकाजे पर राकेश ने पचास हजार रुपए ऑनलाइन खाते में भी डाले, लेकिन करीब छह माह पूर्व वह मकान खाली करके उसका किराया भी दिए बगैर गायब हो गया। इससे उनके साथ ढाई लाख रुपए की चोट हो गई। मामले में कानूनी कार्रवाई के आग्रह पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
बदमाशों ने दो मंदिरों को बनाया निशाना
शहर सहित जिले में चोरियों की वारदातें रुकने का नाम नही ले रही है। बदमाश अब धार्मिक स्थलों को निशाना बना रहे है। बदमाशों ने बीती रात को देवल गांव में दो मंदिरों को निशाना बनाया। इसमें से एक मंदिर में चोरी करने में सफलता नही मिली। देवल गांव में वाजेड़ माता मंदिर को रोज की तरह शनिवार रात को पुजारी ने मंदिर बंद कर परिसर में बने कमरे में सो रहा था। रविवार सुबह करीब चार बजे पुजारी उठा तो बाहर से दरवाजा बंद था। इस पर उसने पड़ौसियों को फोन किया तो पड़ौसी मंदिर में आए और कमरे का दरवाजा खोला तो, पुजारी बाहर आया। पुजारी ने देखा कि मंदिर का ताला टूटा पड़ा था और मंदिर के अंदर दान पेटी से नकदी गायब थी। दानपेटी में लगभग 40 से 50 हजार नकदी भरी हुई थी।