Aapka Rajasthan

Banswara 2016 में बंद हो गया था भू-अर्जन पदाधिकारी कार्यालय, अब जल्द होगा शुरू

 
Banswara 2016 में बंद हो गया था भू-अर्जन पदाधिकारी कार्यालय, अब जल्द होगा शुरू 
बांसवाड़ा न्यूज़ डेस्क, बांसवाड़ा रतलाम-डूंगरपुर वाया बांसवाड़ा रेल परियोजना को लेकर केंद्र के हस्तक्षेप के बाद टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जिसे 14 अगस्त को खोला जाएगा. सबसे पहले रेलवे ट्रैक के लिए जमीन अधिग्रहण करना जरूरी है. पहले के भू-अर्जन पदाधिकारी का कार्यालय 2016 में बंद कर दिया गया था. नियुक्ति पदाधिकारी का भी तबादला कर दिया गया था. इसके बाद से रेलवे द्वारा अधिग्रहीत जमीन पर कब्जा भी शुरू हो गया.

इन अतिक्रमणों को हटाने और शेष भूमि का अधिग्रहण करने के लिए अधिकारी और भूमि अधिग्रहण अधिकारी का कार्यालय खोलना आवश्यक है। ताकि भूमि अधिग्रहण का बचा हुआ कार्य समय पर पूरा किया जा सके और अवाप्त भूमि रेलवे को सौंपी जा सके। गौरतलब है कि 31 मई 2011 को रेल मंत्रालय और राजस्थान सरकार के बीच मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग हुआ था और यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने 3 जून 2011 को डूंगरपुर रेलवे स्टेशन पर इस प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया था. जिसके अनुसार भूमि अधिग्रहण की राशि, जिसमें मध्य प्रदेश में आने वाली भूमि भी शामिल है, के अलावा पूरे प्रोजेक्ट की लागत का 50 प्रतिशत राजस्थान सरकार और 50 प्रतिशत रेलवे विभाग द्वारा वहन करने का निर्णय लिया गया. परियोजना के लिए अधिग्रहित की जाने वाली कुल भूमि 1712 हेक्टेयर है। जिसमें से राजस्थान में 1262 हेक्टेयर, मध्य प्रदेश में 450 हेक्टेयर भूमि है। दूसरी ओर, राजस्थान में कुल 1262 हेक्टेयर भूमि में से 235.884 हेक्टेयर बिलानाम भूमि है, 54.352 हेक्टेयर चारागाह भूमि है, 906.656 हेक्टेयर निजी खातेदारी/गैर खातेदारी भूमि है, 7.958 हेक्टेयर विभागीय भूमि है, 6.328 हेक्टेयर मंदिर माफी भूमि है, 4.368 हेक्टेयर श्री सरकार आबादी है और 51.207 हेक्टेयर वन भूमि और किस्म जंगल है। 

अब छात्रवृत्ति के लिए आवेदन जन आधार से ही होगा

बांसवाड़ा अब विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति आवेदन के लिए बार-बार दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराने होंगे। शिक्षा विभाग ने मुख्यमंत्री की बजट घोषणा 2023-24 में की गई घोषणा के आधार पर पात्र व्यक्तियों को उनके जनाधार जैसे दस्तावेजों के आधार पर सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ प्रदान करने के लिए ऑटो डिलीवरी प्रणाली लागू करने का भी निर्णय लिया है। इसमें छात्रवृत्ति प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को प्रवेश और छात्रवृत्ति आवेदन के दौरान बार-बार दस्तावेज उपलब्ध कराने की प्रक्रिया से राहत मिलेगी। शिक्षा विभाग में सत्र शुरू होने के साथ ही स्कूल में प्रवेश के लिए आवेदन के साथ मूल निवास, माता-पिता का आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, बीपीएल, आधार, जनाधार की प्रति संलग्न करनी होगी। प्रवेश के समय छात्रों से 13 प्रकार की जानकारी ली जाएगी।