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Banswara पुरानी बिजली व्यवस्था को बदलकर और भूमिगत केबल बिछाकर निर्बाध आपूर्ति करें सुनिश्चित

 
Banswara पुरानी बिजली व्यवस्था को बदलकर और भूमिगत केबल बिछाकर निर्बाध आपूर्ति करें सुनिश्चित 

बांसवाड़ा न्यूज़ डेस्क, बांसवाड़ा  अजमेर डिस्कॉम की ओर से राजस्थान मिशन 2030 के तहत गुरुवार को परामर्श शिविर में जिले के वर्षों पुराने विद्युत तंत्र को बदलने और औद्योगिक क्षेत्र में निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए भूमिगत केबल के प्रावधानों की मांग उठी। विद्युत विश्रांति गृह सभागार में डिस्कॉम के संभागीय मुख्य अभियंता एमपी सिंह झाला की अध्यक्षता में हुए कार्यक्रम में वक्ताओं ने औद्योगिक क्षेत्र में बिना सूचना के शटडाउन नहीं लेने और उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए नए 132/33केवी जीएसएस एवं 33/11 केवी जीएसएस स्थापित करने के साथ शहर में रिंग सिस्टम स्थापित करने का प्रस्ताव रखा।

शिविर में विद्युत तंत्र के सुदृढ़ीकरण, विद्युत सेवाओं सुधार और भविष्य की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए सुझाव सामने आए। इस दौरान उत्पादन निगम के उप मुख्य अभियंता दिलीप गेहानी, अधीक्षण अभियंता केआर मीना, रिटायर मुख्य अभियंता शरद मालोत शामिल हुए तो परामर्शदाताओं में बांसवाड़ा चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज अध्यक्ष सुनील दोसी, उद्यमी बीडी मालपानी, मनोज अग्रवाल, निलेश जैन, विश्वम्बर अग्रवाल, कैलाश मूंदड़ा, हरिकृष्ण आचार्य, पुष्पेन्द्र पंड्या, माया सेमसन, धर्मेंद्र चंगेरिया, रमेश मिश्रा. धनराज शर्मा मौजूद रहे।

वक्ताओं ने विद्युत उत्पादन को बढ़ाने के लिए नई मशीनरी लगाने और समानांतर केनाल के लिए जोर दिया। पवन ऊर्जा एवं सौर ऊर्जा को विकसित करने की आवश्यकता जताई। स्कूलों में सौर ऊर्जा स्थापित करने एवं विद्युत निगम को दी जाने वाली सौर ऊर्जा के यूनिट्स के भुगतान की मांग की। निगम को घरेलू उपभोक्ताओं से प्राप्त सौर ऊर्जा का घरेलू दरों के समतुल्य भुगतान करने करने का सुझाव दिया। मुख्य अभियंता झाला ने बताया कि सौर ऊर्जा से प्राप्त यूनिट की दर करीब 25 प्रतिशत बढ़ाई है। उद्यमियों ने सौर ऊर्जा ग्रिड में प्राप्त होने पर समुचित भुगतान कराने की मांग पर विजन में शामिल करने का भरोसा दिलाया।