Aapka Rajasthan

Banswara इस बार नूतन स्कूल मैदान में रावण दहन, कवि सम्मेलन नहीं

 
Banswara इस बार नूतन स्कूल मैदान में रावण दहन, कवि सम्मेलन नहीं

बांसवाड़ा न्यूज़ डेस्क, बांसवाड़ा विधानसभा चुनाव से पहले दशहरा मेले के लिए खेल स्टेडियम के समीप मैदान के अधिग्रहित होने की संभावनाओं के बीच नगर परिषद की साधारण सभा में इस बार दशहरे पर रावण दहन का आयोजन राजकीय नूतन उच्च माध्यमिक विद्यालय के खेल मैदान में करने पर सहमति बनी है। इसके लिए शिक्षा विभाग और प्रशासन से स्वीकृति ली जाएगी। मेला 15 दिन का होगा, किंतु इस बार कवि सम्मेलन सहित पांच दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं होंगे। यद्यपि एक दिन गरबा कार्यक्रम होगा। सभापति जैनेन्द्र त्रिवेदी की अध्यक्षता में व्यावसायिक कॉम्पलेक्स के पं. दीनदयाल सभागार में हुई बैठक के आरंभ में दशहरा मेले पर पार्षद चंकी शाह ने कहा कि मेले की बसावट डोम बनाकर और रावण दहन नूतन स्कूल मैदान में हो। महेश तेली ने चुनावी वर्ष होने व राजनीतिक दलों की सभा की संभावनाओं को देखते हुए विकल्प का सुझाव दिया। इस पर सभापति त्रिवेदी ने कहा कि कलक्टर से स्वीकृति लेकर मेले के लिए मैदान को आरक्षित कराएंगे।

खत्म करेंगे प्राथमिकता की परम्परा

नेता प्रतिपक्ष ओम पालीवाल ने कहा कि गत वर्ष मेला स्थल बदला। जो कमियां रह गई, उसे इस वर्ष दूर करें। मेले में जबरन अतिरिक्त दुकानें बनने और सबलेट करने से रोका जाए, ताकि राजस्व हानि नहीं हो। इस पर सभापति ने कहा कि दुकान आवंटन में पुराने लोगों को प्राथमिकता देने की परम्परा खत्म की जाएगी। उप नेता प्रतिपक्ष महावीर बोहरा ने कहा कि गत वर्ष मेले में अनियमितता हुई। तय दुकानों के मुकाबले ढाई सौ दुकानें बना दीं। इससे परिषद को राजस्व हानि हुई, किंतु संवेदक पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। मेला नीलामी की राशि 50-60 लाख पर ही दिया जाए। भरत जोशी ने कहा कि मेला परिसर में कतिपय व्यापारियों व परिषद कार्मिकों की ओर से बदसलूकी व मारपीट की घटनाएं हुई हैं। आम आदमी के साथ अभद्रता को रोकने के सख्त कदम उठाए जाएं। इस दौरान पालीवाल के मेले में गड़बड़ी पर पार्षदों व कार्मिकों के भागीदार होने के बयान पर सज्जनसिंह राठौड़ ने कड़ी आपत्ति जताई।

चार साल में नहीं हुई पालना

पुराना बस स्टैंड, डायलाब, ठीकरिया क्षेत्र में निर्माण कार्यों की स्वीकृति के दौरान महावीर बोहरा ने कहा कि 13 दिसंबर 2019 की बैठक में गत बोर्ड के 20 से 30 प्रतिशत बिलो हुए टेंडर निरस्त कर दिए गए थे और दस प्रतिशत से अधिक बिलो दर पर कार्य नहीं देने का निर्णय हुआ था। साथ ही पार्षद से संतुष्टि प्रमाण पत्र लेने के बाद ही संवेदक को भुगतान करने की बात कही गई थी, किंतु अब भी दस प्रतिशत से अधिक बिलो दर पर टेंडर देकर भुगतान हो रहा है। चार साल में भी दोनों बिंदुओं की पालना नहीं की गई। युगल उपाध्याय व अन्य ने परिषद की ओर से निर्मित सड़कों की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए उसी ठेकेदार से दोबारा निर्माण की मांग की।

यह भी रहा खास

पार्षद सज्जनसिंह राठौड़ ने दिवंगत पार्षद योगेश जोशी के परिजनों को परिषद से 50 लाख का आर्थिक सहयोग करने की बात कही। पार्षद नटवर तेली ने शहर से निकलने वाले मुख्य मार्ग के केंद्र से 80 फीट बाद नियमन करने का सुझाव दिया। शहर में यातायात व्यवस्था में ऑटो और ठेला चालकों को बाधक मानते हुए आवश्यक कदम उठाने की बात कही।