Banswara सिर्फ एलाइजा टेस्ट में डेंगू पॉजिटिव, कार्ड में 94% पर भी गिनती नहीं
राज्य सरकार की गाइड लाइन के अनुसार एलाइजा टेस्ट किया जाता है। कार्ड टेस्ट से जांच के बाद मरीज का डेंगू का उपचार शुरू कर दिया जाता है। एलाइजा टेस्ट में पॉजिटिव आने के बाद ही मरीज को डेंगू पीड़ित मानते हैं। कार्ड टेस्ट के बाद मरीज को उपचार मिल जाता है। लेकिन कन्फर्मेशन एलाइजा टेस्ट से ही होता है। एलाइजा टेस्ट के बाद ही डेंगू पीड़ित गिना जाता है। यह विभाग की गाइडलाइन है। उपचार समय पर मिलने पर मरीज को दिक्कत नहीं होती है।
बांसवाड़ा. डेंगू का डर बना हुआ है। चिकित्सा विभाग खुद भी इससे डरा हुआ है। कार्ड टेस्ट के जरिए प्राप्त रिपोर्ट (92-94% सटीकता) के आधार पर रोगियों को डेंगू की दवा दे रहा है। पर, डेंगू की पुष्टि नहीं कर रहा। पुष्टि के लिए विभाग को सिर्फ एलाइजा टेस्ट (98 % सटीकता) पर भरोसा है। जांच के इस 4 से 6% के अंतर के खेल में डेंगू रोगियों की ठीक संख्या से पर्दा नहीं उठ रहा है। एलाइजा टेस्ट के जरिए डेंगू की पुष्टि करने वाले विभाग की नीति को ऐसे समझा जा सकता है कि बीते तीन वर्ष यानी वर्ष 2021 से 23 के बीच में कार्ड टेस्ट और एलाइजा टेस्ट के सैंपल में जमीन आसमान का अंतर सामने आया है। सिर्फ महात्मा गांधी अस्पताल की ही बात करें तो इस अवधि में एमजीएच की सेंट्रल लैब में 8692 कार्ड टेस्ट लगाए गए। जबकि एलाइजा टेस्ट के लिए 920 टेस्ट लगाए गए। चूंकि बीते तीन वर्ष में महज 10 एलाइजा किट ही एमजीएच में मंगवाए गए और एक किट में 92 सैंपल टेस्ट किए जा सकते हैं।
भर्ती वर्षवार : डेंगू पीड़ित
2021 : 70
2022 : 10
2023 : 02 (अभी तक )
कार्ड टेस्ट
वर्ष : कार्ड टेस्ट की संख्या
2020 : 818
2021 : 4072
2022 : 2890
2023 : 1730 (अभी तक )
(एमजीएच से प्राप्त आंकडे)