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Banswara उधार के कमरों में चल रहा कृषि महाविद्यालय, संकाय में मात्र एक व्याख्याता

 
Banswara उधार के कमरों में चल रहा कृषि महाविद्यालय, संकाय में मात्र एक व्याख्याता

बांसवाड़ा न्यूज़ डेस्क, बांसवाड़ा  प्रदेश के बजट में मुख्यमंत्री की ओर से बांसवाड़ा में कृषि संकाय के विद्यार्थियों की उच्च शिक्षा के लिए कृषि महाविद्यालय की घोषणा तो की गई, किंतु भवन, व्याख्याता आदि के ठिकाने नहीं हैं। वर्तमान में यह महाविद्यालय श्री गोविंद गुरु राजकीय महाविद्यालय के तीन कमरों में संचालित हो रहा है। मुख्यमंत्री ने 2021 में प्रदेश में 29 नए कृषि कॉलेज खोलने की घोषणा की थी। इसमें बांसवाड़ा में बोरवट के अतिरिक्त अलवर, भरतपुर, करौली, सवाई माधोपुर, दौसा, नागौर, भीलवाड़ा, जोधपुर, बाड़मेर, जालौर, हनुमानगढ़, प्रतापगढ़, उदयपुर, बारां, चित्तौड़ आदि जिलों में कृषि महाविद्यालय खोलने की घोषणा की गई थी।

नए खोले जाने वाले कृषि महाविद्यालयों में प्राचार्य, सहायक पुस्तकालय, निजी सहायक, सहायक लेखाधिकारी द्वितीय, वरिष्ठ सहायक, कनिष्ठ सहायक, फार्म मैनेजर, कृषि पर्यवेक्षक, वाहन चालक के साथ ही सह आचार्य के दो, सहायक आचार्य के दस, प्रयोगशाला के तीन तथा चार सहायक कर्मचारी के पद सृजित करने की घोषणा की थी। कृषि संकाय में शस्य विज्ञान, उद्यान विज्ञान, पौध प्रजनन व अनुवांशिकी, कृषि अर्थशास्त्र, कृषि सूचना विज्ञान, कृषि अभियांत्रिकी, पशुपालन व दुग्ध विज्ञान, कीट विज्ञान, पोषण व खाद्य विज्ञान आदि प्रमुख विषय हैं। इधर, एसजीजी कॉलेज में विगत वर्षों में खुले कृषि संकाय के लिए भी स्थायी व्याख्याता नहीं है।

यहां करीब 60 विद्यार्थी नामांकित हैं, किंतु एक व्याख्याता के बूते पाठ्यक्रम कैसे पूरा होगा, इसका सहज अनुमान लगाया जा सकता है। पदों की मांग को लेकर कृषि संकाय के विद्यार्थी लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं, किंतु समस्या का समाधान नहीं हुआ है। जानकारी के अनुसार बोरवट के नाम से खुला कृषि महाविद्यालय वर्तमान में श्री गोविंद गुरु राजकीय महाविद्यालय के तीन कमरों में संचालित हो रहा है, किंतु कॉलेज का स्थायी भवन नहीं है। न ही प्रयोगशाला और फील्ड है। स्टाफ के नाम पर भी अब तक किसी को पदस्थापित नहीं किया गया है। अब कॉलेज आयुक्तालय ने यहां विभिन्न विषयों में अध्यापन के लिए विद्या संबल योजना में गेस्ट फैकल्टी के रूप में आवेदन मांगे हैं।