Banswara 55 लाख का घोटाला, हैंडपंप का पैसा कहीं दो बार उठाया तो कई जगह खोदे नहीं

जांच रिपोर्ट के अनुसार प्रति 10 वर्ष में समूचे क्षेत्र में 200 हैंडपंप खोद गए। जबकि, जांच शुरू हुई तो पता चला कि बिना टेंडर के पूरा काम किया गया। यही नहीं भुगतान उपप्रधान और उनके करीबियों की फर्मों को किया गया। क्षेत्र में वर्ष 2016 से 2020 के बीच करीब 500 हैंडपंप का भुगतान किया गया। जबकि, क्षेत्र में पहले से ही पर्याप्त मात्रा में हैंड पंप लगे हुए हैं।
अरथूना के ठेकेदारों ने यह किया
खुदाई 100 से 130 फीट
एमएस केसिंग पाइप के बजाय पीवीसी केसिंग पाइप लगाए
जीआई पाइप केवल 70 से 80 फीट की लगाए
नॉन आईएसआई मार्का हैंडपंप लगाए
200 पहले से ही 500 और खोद दिए
विधानसभा के सवाल पर भी रफा-दफा
वर्ष 2018-19 और 2019-20 अनियमित तरीके से खोदे गए हैंडपंप को लेकर विधायक कैलाश मीणा ने विधानसभा में सवाल लगाया था। जब जांच हुई तो ग्राम पंचायत स्तर पर बिना भौतिक सत्यापन के जांच रिपोर्ट को रसूख के चलते मैनेज करा कर घोटाले को रफा-दफा करा दिया। यही नहीं पंचायत स्तर से भुगतान और स्वीकृत हैंडपंपों की जांच ही नहीं करने दी गई। प्रार्थी गजानंद डामोर और प्रियंका ने भी शिकायत की थी। अब तक हैंडपंप खुदाई में भ्रष्टाचार की शिकायत जिला कलक्टर, जिला परिषद सीईओ, मुख्यमंत्री कार्यालय के साथ ही लोकायुक्त को की गई। सीईओ के 3 बार आदेश जारी करने के बाद जांच हुई है।