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Banswara निजी यूनिवर्सिटी का सैंपल टेस्ट में फेल, 31 तक मौका नहीं तो होगी कार्रवाई

 
Banswara निजी यूनिवर्सिटी का सैंपल टेस्ट में फेल, 31 तक मौका नहीं तो होगी कार्रवाई

बांसवाड़ा न्यूज़ डेस्क, बांसवाड़ा गोविंद गुरु जनजातीय विश्व विद्यालय के कुलपति प्रो. केशव सिंह ठाकुर पद भार संभालने के बाद सोमवार को पहली बार निजी कॉलेजों के निरीक्षण को पहुंचे। एलबीएस कॉलेज, गनोड़ा को सैम्पल चैकिंग के तहत देखा तो व्यवस्थाएं चौपट मिलीं। तय मानक से बहुत ही कम संख्या व यूजीसी योग्यताधारी फैकल्टी नहीं रखना सामने आया। अध्ययन-अध्यापन सहित अन्य कई कमियां भी मिलीं। इस पर कॉलेज में क्वालिटी एजुकेशन पर सवाल उठाते हुए कुलपति ने कॉलेज संचालक को 31 अगस्त तक कमियों को पूरा करने का समय दिया। ऐसा नहीं करने पर कार्रवाई होगी। वहीं विवि अब टीम बनाकर अन्य निजी कॉलेज का भी निरीक्षण करने की तैयारी में है।

दरअसल, 8 अगस्त को वीसी ने विवि के सभी अधिकारियों की बैठक ली थी। इसमें सामने आया था कि कई कॉलेज नार्म्स पूर किए बगैर संचालित हो रहे हैं। निजी कॉलेजों में स्टाफ यूजीसी नियमानुसार योग्यताधारी नहीं हैं। मास्टर डिग्री वाले पढ़ा रहे हैं। स्टाफ को वेतनमान भी नियमानुसार नहीं है और उन्हें साल में 8 से 10 माह के लिए ही रखा जा रहा है। इस पर उन्होंने ग्राउंड जीरो पर पहुंच स्थिति की जानकारी ली। हमारा उद्देश्य क्वालिटी एजुकेशन और रोजगार उपलब्ध करवाना है। क्वालिफाइड फैकल्टी को रोजगार के अवसर और उचित मानेदय मिलना चाहिए। क्वालिफाइड फैकल्टी होगी तो कॉलेजों में क्वालिटी एजुकेशन मिल सकेगा। इसी उद्देश्य से एलबीएस कॉलेज का औचक निरीक्षण किया था। वहां बहुत सारी कमियां मिलीं हैं। संचालक को सुधार के लिए समय दिया जाएगा। इसके बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

दूसरा पहलू: सरकारी कॉलेज पर भी निगाहें रहेंगी क्या ? विवि प्रबंधन निजी कॉलेजों की जांच और व्यवस्थाएं सुधार के लिए औचक निरीक्षण कर रहा है। क्वालिटी एजुकेशन के दृष्टिगत अच्छा प्रयास है, किंतु क्या यह जांच सरकारी कॉलेज की भी होगी ? बांसवाड़ा, डूंगरपुर व प्रतागपढ़ में संचालित सरकारी कॉलेज भी विवि से ही सम्बद्धता प्राप्त हैं। नवीन व पूर्व में चल रहे कई सरकारी कॉलेजों में न तो भवन का ठिकाना, न ही पर्याप्त फैकल्टी है। सरकारी कॉलेजों में बिना प्रयोगशाला के विज्ञान जैसे विषय में प्रवेश, परीक्षा और परिणाम तक जारी किए जा रहे हैं। समय पर कालांश नहीं लगना, सिलेबस पूरा नहीं होना जैसी समस्याएं भी हैं।