Banswara पंच कल्याणक एवं रजत वेदी प्रतिष्ठा समारोह 11 दिसंबर से होगा शुरू
बांसवाड़ा न्यूज़ डेस्क, बांसवाड़ा पंच कल्याण प्रतिष्ठा महोत्सव के अवसर पर मंगलवार को घाटोल घाटोल के वासुपूज्य दिगंबर जैन मंदिर में आचार्य विद्यासागर महाराज के परम शिष्य मुनि विमल सागर, अनंत सागर, भाव सागर महाराज का सर्व समाज द्वारा भव्य स्वागत किया गया। सुबह घाटोल के वासुपूज्य मंदिर से मुनि धर्म सागर महाराज के सान्निध्य में बैंड-बाजे, ढोल-नगाड़ों व घोड़ों के साथ शोभा यात्रा निकाली गई। जहां सामने बांसवाड़ा से पधारे मुनि विमल सागर, अनंत सागर, भाव सागर महाराज का नगर प्रवेश हुआ तो समस्त समाज ने पूजन कर नमोस्तु किया तथा महिला मंडल ने मंगल कलश से मुनि संघ के मंगल गीत गाए। परिक्रमा करते हुए स्वागत किया गया।
इसके बाद जुलूस आचार्य विद्यासागर विद्यालय से पुणे नगर की ओर बढ़ा, जहां सबसे पहले छोटे-छोटे बच्चे घोड़ों पर सवार होकर जैन धर्म का ध्वज लेकर ढोल बजाते और जयकारे लगाते हुए चल रहे थे। उनके पीछे बैंड-बाजे और ढोल की थाप पर महिला समूह की अलग-अलग टोलियां अपनी-अपनी टोली की विशेष वेशभूषा के साथ भक्ति नृत्य करती चल रही थीं, उनके पीछे सफेद धोती कुर्ता और सिर पर पगड़ी पहने पुरुष और युवा चल रहे थे. मुनिवर आज मेरी कुटिया में धांधिया पहनकर आये हैं तथा अन्य भक्ति गीतों पर डांडिया एवं गरबा रास करते हुए चल रहे थे। वही जुलूस शहर के मुख्य मार्ग से होते हुए घाटोल के मूल नायक मंदिर, वासुपूज्य मंदिर पहुंचा, जहां रास्ते में जगह-जगह सर्व समाज के लोगों ने मुनि संघ का पूजन किया।
मंदिर में एक धर्म सभा का आयोजन किया गया, जहां मंगलाचरण और दीप प्रज्ज्वलन के बाद मुनि विमल सागर ने धर्म सभा को संबोधित किया और कहा कि तब से उन्होंने अपने पूज्य भगवान को नई चांदी की वेदी पर स्थापित करने का संकल्प लिया है। आपका पुण्य बढ़े, आपको पंचकल्याणक में उत्साह से भाग लेना है, हर घर से जुड़ना है, यहां तक कि पूजा-पाठ करने वालों को भी बैठना है, जो अपने धन का शुभ बीज पुण्य कार्यों में लगाता है, उसका अपना पंचकल्याणक होता है . पंचकल्याणक महोत्सव में देश-विदेश के विभिन्न शहरों से लोग शामिल होंगे, विशाल पंडाल तैयार किया जा रहा है, जन्म कल्याणक के दिन गरीबों को फल, भोजन, औषधियां और आवश्यक सामग्री दान की जायेगी. गौशालाओं को दान भी दिया जाएगा. घाटोल. वासुपूज्य जैन मंदिर में शुक्रवार को आयोजित धर्मसभा को संबोधित करते मुनि व उपस्थित श्रद्धालु।