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Banswara 1500 की जरूरत, मिली 300 टन खाद, फसल खराब होने की आशंका

 
Banswara 1500 की जरूरत, मिली 300 टन खाद, फसल खराब होने की आशंका

बांसवाड़ा न्यूज़ डेस्क, बांसवाड़ा हर साल की तरह इस बार भी खाद का संकट है। इस बार भी चित्तौड़ और उदयपुर रेलवे स्टेशन स्थित रैक प्वाइंट से यूरिया खाद की आपूर्ति नहीं हुई है. इससे जिले में 2.5 लाख हेक्टेयर में होने वाली खरीफ फसल के उत्पादन में नुकसान की आशंका है. उधर, बारिश रुकने से किसान और भी चिंतित हो गए हैं। इधर, इससे जिले में खाद की कालाबाजारी का संकट भी गहरा गया है. पिछले दिनों पुलिस के डीएसटी व कृषि विस्तार विभाग के अधिकारियों ने घाटोल रोड पर यूरिया खाद व्यापारी के यहां छापामार कार्रवाई कर स्टॉक जब्त किया था। उधर, आबापुरा क्षेत्र में दो ट्रक यूरिया खाद कृषि विभाग के अधिकारियों को कृषि पर्यवेक्षकों की देखरेख में बेचनी पड़ी। संयुक्त निदेशक डॉ. दलीप सिंह ने बताया कि विभाग द्वारा पुलिस की जिला विशेष शाखा की मदद से छापेमारी की जा रही है. विभाग के अधिकारी स्थिति पर नजर बनाये हुए हैं और किसानों को यूरिया खाद उपलब्ध कराने का पूरा प्रयास किया जा रहा है.

उधर, किसान नेता खेमजीभाई पाटीदार और रणछोड़भाई पाटीदार ने कहा कि समय पर यूरिया खाद की आपूर्ति ठीक से नहीं होने से किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. {यूरिया - 2563.027 एमटी {डीएपी - 923.31 एमटी {एसएसपी - 316.500 एमटी {एनपीकेएस - 313.55 एमटी} अप्रैल, मई, जून से खरीफ फसल सीजन में किसानों को समय पर खाद व बीज की आपूर्ति के लिए कृषि विभाग, सहकारिता विभाग व जिला प्रशासनिक अधिकारी कई बैठकें आयोजित की गईं. लेकिन इसका कोई असर नहीं दिख रहा है, क्योंकि जुलाई में 1500 टन यूरिया खाद की जरूरत होती है.

जबकि गुजरात के कलोल स्थित इफको प्लांट से अब तक सड़क मार्ग से सिर्फ 300 टन यूरिया खाद भेजा गया है. उधर, उदयपुर व चित्तौड़ रेलवे स्टेशन स्थित रैक प्वाइंट से यूरिया खाद की आपूर्ति नहीं हो रही है। फिलहाल उदयपुर रेलवे स्टेशन रेक प्वाइंट से 2500 टन यूरिया की आपूर्ति की जानी है. वहीं, सभी प्रकार के यूरिया उर्वरकों का 3565.486 मीट्रिक टन उपयोग किया जा चुका है और खरीफ सीजन में यूरिया आदि उर्वरकों की मांग 47261 मीट्रिक टन है.