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Banswara हत्या का सजायाब मुजरिम जिले में पुलिसकर्मी से हाथ छुड़ाकर हुआ फरार

 
Banswara हत्या का सजायाब मुजरिम जिले में पुलिसकर्मी से हाथ छुड़ाकर हुआ फरार 

बांसवाड़ा न्यूज़ डेस्क, बांसवाड़ा संभाग के प्रतापगढ़ जिला अंतर्गत पीपलखूंट थाने से पेश कराने लाया गया हत्या का एक सजायाब मुजरिम बांसवाड़ा कोर्ट परिसर में पुलिसकर्मी हाथ छुड़ाकर भाग गया। लंबे समय से फरार चल रहे मुजरिम की मुश्किल से गिरफ्तारी हुई थी। उसके अभिरक्षा से फरार होने को लेकर रिपोर्ट पर कोतवाली पुलिस ने केस दर्ज किया है। पुलिस के अनुसार पीपलखूंट क्षेत्र के लाम्बाडाबरा गांव का रुपा पुत्र कमजी निनामा जमानत पर रिहा होने के बाद चार-पांच साल से फरार था। उसके खिलाफ कोर्ट से लगातार वारंट जारी हुए, लेकिन इलाका छोड़ जाने के बाद उसने अपने गांव की तरफ रुख ही नहीं किया। इसके चलते पुलिस को बार-बार कोर्ट में भी जवाब देने पड़े। इसके बाद रविवार को मुखबिर की सूचना पर हाथ आया, तो सोमवार को उसे कोर्ट में पेश करने के लिए बांसवाड़ा लाया गया। यहां से वह मौका पाकर भाग गया। मामले को लेकर पीपलखूंटथाने में पदस्थ कांस्टेबल अजयसिंह ने रिपोर्ट दी। उसने बताया कि वह साथी कांस्टेबल जगदीश मीणा के साथ आरोपी रुपा को 2008 में प्रकरण संख्या 60 में अपर सेशन न्यायाधीश (फास्ट ट्रेक) बांसवाड़ा कोर्ट में हुई सजा सजा भुगताने के लिए जारी वारंट पर लेकर आया।

दोपहर में पीपलखूंट से यहां लाकर उसे एडीजे कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने न्यायिक अभिरक्षा में भेजने का आदेश दिया, तो वे दोनों कोर्ट परिसर में आरोपी को लेकर खड़े थे। करीब साढ़े तीन बजे कांस्टेबल जगदीश कोर्ट से जेसी वारंट प्राप्त करने कार्यालय के अंदर गया, तो वह बाहर आरोपी रूपा का हाथ पकड़ कर खड़ा था। इसी बीच, रूपा ने हाथ झटककर छुड़ा लिया और भागने लगा। यह देखकर वह चीखा तो कांस्टेबल जगदीश दौड़कर आया। फिर दोनों ने पीछा किया, लेकिन आरोपी न्यायालय परिसर के अन्य कार्यालयों की आड़ से होकर फरार होने में सफल रहा। काफी तलाश पर भी वह हाथ नहीं आया। मामले में आरोपी हिरासत से भागने पर कानूनी कार्रवाई के आग्रह पर कोतवाली पुलिस ने भादसं की धारा 224 के तहत केस दर्ज किया। अनुसंधान एएसआई अब्दुल मुनाफ के जिम्मे किया गया।

25 की उम्र में की थी लठमार कर हत्या

इधर, कोर्ट सूत्रों ने बताया कि आरोपी रुपा ने 12 जुलाई, 2008 की शाम उसके घर आई पड़ोसी महिला राजा पत्नी लक्ष्मण पर लठवार कर सिर फाड़ दिया था। आपसी बोलचाल के बाद तेश में आकर हुई वारदात में राजा मौके पर ढेर हो गई। इसकी सूचना रुपा की मां कंकूड़ी ने पड़ोसी सरकारी कर्मचारी लक्ष्मण को दी। तब पीपलखंट क्षेत्र बांसवाड़ा जिले के अधीन ही था। मामले में पुलिस ने हत्या के आरोप में कार्रवाई की। प्रकरण में 4 फरवरी,2009 को फास्ट ट्रेक कोर्ट ने मौजूदा सबूतों के आधार पर आरोपी को हत्या के बजाय गैरइरादतन हत्या का दोषी करार देकर दस साल कड़ी कैद और तीन हजार रुपए जुर्माना सुनाया, तो रुपा को जेल भेज दिया गया। उक्त निर्णय के खिलाफ बाद में रुपा ने जेल से हाईकोर्ट में अपील की। इस बीच, वह जमानत पर रिहा होने के बाद लापता हो गया। मामले में हाईकोर्ट ने 24 जनवरी,2018 को अपील आंशिक स्वीकार कर आरोपी की सजा घटाई और उसे पांच वर्ष कड़ी कैद और 20 हजार रुपए जुर्माना सुनाया। कोर्ट ने उसके जमानत-मुचलके रद्द कर गिरफ्तारी के आदेश दिए, तो पुलिस ने फिर तलाश की। इसके बाद वह अब हाथ आया और पुलिस हिरासत से भाग गया।