Banswara कटारा ने कहा- भविष्य में हाईवे पर नहीं होगा कोई आंदोलन व महापड़ाव
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ऐसे में उनके समर्थन में कौन खड़ा होगा. कटारा के ऐसे फैसले का आदिवासी समाज के कुछ लोगों ने विरोध भी किया. साथ ही भविष्य में ऐसी कोई हरकत न करने की सलाह दी। हंगामा करने वाले लोगों को हिरासत में लेती पुलिस। बांसवाड़ा. आदिवासी समाज के लोग हाईवे के पास पहाड़ी पर एकत्र हुए। मंचासीन नेताओं से मंत्रणा करते एसपी व एसडीएम। आदिवासी आरक्षण मंच समिति के केंद्रीय सलाहकार प्रो. कमलकांत कटारा ने शुक्रवार रात प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि 23 अगस्त को उनकी गिरफ्तारी के कारण नेतृत्व की समस्या और आंदोलन के अनियंत्रित होने की आशंका के चलते महापड़ाव स्थगित कर दिया गया है. इधर, समिति सदस्य डॉ. सोमेश्वर गरासिया, राजेंद्र पटेल, मोहनलाल कटारा, सोहनलाल डोडियार, कलसिंह मकवाना, अनिल डामोर ने पुलिस प्रशासन के साथ कटारा को इस फैसले की जानकारी दी. इसके बाद वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए महापड़ाव को अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने, भविष्य में आंदोलन शुरू करने से पहले प्रशासन की मंजूरी लेने और राजमार्ग सहित संवेदनशील स्थानों पर इस तरह का आंदोलन नहीं करने का निर्णय लिया गया. स्थानीय आरक्षण की मांग को लेकर पड़ोसी राज्यों के आदिवासियों के समर्थन की आशंका से जिला प्रशासन और पुलिस ने पड़ोसी राज्यों की पुलिस से भी मदद ली.
उनकी सीमा में नाकेबंदी भी की गई. पुलिस को भी दोपहर करीब सूचना मिली कि कुछ लोग झालोद की ओर एकत्र हुए हैं तो टीम ने तुरंत जाब्ता वहां भेजा। राष्ट्रीय राजमार्ग 56 से जुड़ने वाले हर लिंक रोड और गांवों पर 3-4 पुलिसकर्मी तैनात किए गए। कलेक्टर प्रकाश चंद्र शर्मा और एसपी अभिजीत सिंह भी कलिंजरा थाने से पल-पल की अपडेट लेते रहे। उन्होंने मोनाडूंगर से बड़ोदिया तक 2 से 3 बार गश्त कर निगरानी भी की। वहीं, बांसवाड़ा से लगती गुजरात और मध्य प्रदेश की सीमा पर जवानों की एक विशेष टीम तैनात है. दोपहिया और चार पहिया वाहनों को जांच और पूछताछ के बाद ही जिले में प्रवेश दिया गया। प्रत्येक वाहन के नंबर भी नोट किए गए।