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Banswara तीन दिन के दे रहे 15 हजार, खर्च तीन गुना से भी ज्यादा

 
Banswara तीन दिन के दे रहे 15 हजार, खर्च तीन गुना से भी ज्यादा
बांसवाड़ा न्यूज़ डेस्क, बांसवाड़ा  जिले की पंचायतों में फार्मर रजिस्ट्री शिविर लगाने के लिए दिए जा रहे बजट को लेकर सरपंचों और ग्राम विकास अधिकारियों में असंतोष है। सावों के दौर में इन दिनों जबकि टेंट-माइक और जनरेटर की व्यवस्था ही मुश्किल से हो रही है।इस पर भी बाजार दरों के मुकाबले बहुत कम बजट दिया जा रहा है। इसे लेकर सरपंचों और ग्राम विकास अधिकारियों में ब्लॉक स्तर पर ग्राम विकास अधिकारियों ने विकास अधिकारियों को ज्ञापन भी दिए हैं, लेकिन कुछ पंचायतों में बिना टेंट के लगाए शिविरों को देखकर आला अधिकारी वीडीओ की आपत्तियों से इत्तेफाक नहीं कर रहे।

यह सुझाया उपाय : विकास अधिकारियों ने 15 हजार रुपए में सभी व्यवस्थाएं करना संभव नहीं होने का दावा कर कहा कि अरथूना ब्लॉक की 27 में से 20 ग्राम पंचायतों में शिविर कार्यक्रम 3 दिवस के स्थान पर 5 दिवसीय तो बागीदौरा में तीन दिन लगाने के आदेश जारी किए गए हैं। ऐसे में आयोजन के लिए अनुमत राशि से अधिक व्यय को राज्य वित्त् आयोग व 15 वें वित्त आयोग से करवाने के आदेश जारी करने का सुझाव दिया गया है।फार्मर रजिस्ट्री शिविर महत्वपूर्ण कार्य है। इसे सफल बनाने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं, कम राशि में 3 दिन आयोजन मुमकिन नहीं। प्रशासन निर्धारित राशि में भौतिक संसाधन ब्लॉक स्तर से पंचायतों को उपलब्ध करवाएं तो निर्देशित फर्म को 15 हजार रुपए का भुगतान कर दिया जाएगा।  शिविरों का बजट नाममात्र का देने से कई सरपंच प्रभावित हैं। टेंट नहीं भी लगाएं, तो भी इतने बजट में एक दिन का खर्च भी पूरा नहीं पड़ता। हमारी पंचायत में तो इसीलिए अब तक शिविर नहीं लगाया है। प्रशासन को इस पर विचार करना चाहिए।

ग्राम विकास अधिकारी इसे लेकर बागीदौरा और अरथूना में ब्लॉक के विकास अधिकारियों को ज्ञापन भी दे चुके हैं। तीन दिवसीय फार्मर रजिस्ट्री शिविर में टेंट, टेबल-कुर्सी, कम्प्यूटर मय प्रिंटर, पेयजल, जलपान, साउण्ड सिस्टम एवं प्रचार प्रसार हेतु पेम्पलेट, पोस्टर व रिक्शा मय माइक व्यवस्था करने के लिए 15 हजार रुपए राशि अनुमत की गई है। शादियों की सीजन में पंचायत स्तर पर जिन-जिन साधनों की व्यवस्था का आदेश दिया गया है, उनके अनुसार क्षेत्र में बागीदौरा क्षेत्र में एक दिन का खर्च 33 हजार 300 और अरथूना क्षेत्र में कम कराने के बाद 18 हजार 400 रुपए बैठ रहा है। ऐसे में एक दिवसीय शिविर का बजट भी नहीं दिया जा रहा, तो उसमें तीन दिन काम कैसे लिया जा सकता है।