Banswara चुनाव के कारण टूटी गारंटी, अब लग सकती है पेनल्टी
गौरतलब है कि जिले में आबकारी विभाग ने इस साल 49 दुकानों के ठेके 164 करोड़ रुपए की शराब बिक्री की गारंटी पर दिए थे। इनमें फलवा की दुकान का ठेका नहीं उठने से कुछ समय आरएसबीसीएल ने ही संचालित की। इसके बाद हर तिमाही पर ठेकेदारों को तय राशि का माल उठाना था। इस क्रम में अक्टूबर से दिसंबर, 2023 तक की गारंटी का कोटा 40.96 यानी करीब 41 करोड़ का था, लेकिन चुनाव आचार संहिता लागू होने और फिर चुनाव में सख्ती के चलते वैध माल की बिक्री भी काफी घट गई। इससे अब तक करीब 24 करोड़ का माल ही उठने से करीब 16 करोड़ का बड़ा झटका लगा है। दिसंबर बीतने को 15 दिन ही शेष हैं और ठेकेदारों द्वारा इतना माल एक साथ उठवाना और खपाना मुमकिन नहीं है। ऐसे में सरकार को राजस्व के नुकसान के साथ निर्धारित शर्तों के अनुरूप माल का उठाव नहीं करने पर ठेकेदारों पर मोटी पैनल्टी लगना तय है।
चुनाव आचार संहिता लगने से पहले ही अवैध कारोबार के चक्कर में विभाग की मोनाडूंगर और मोहकमपुरा स्थित दुकानें कार्रवाई के लपेटे में आकर बंद हो गई थी। इनमें बिना होलमार्क की सुंदनी स्थित डिस्टेलरी में निर्मित शराब बरामद हुई थी। इस पर पुलिस और आबकारी विभाग ने केस दर्ज किए, वहीं 12 अक्टूबर को आदेश जारी कर अनुज्ञाधारी अर्पिता चौधरी और जीनल कलाल के लाइसेंस निरस्त कर कार्रवाई के निर्देश दिए गए। इस पर आबकारी निरीक्षकों ने इन मदिरा दुकान एवं गोदाम में पड़े लाखों के स्टॉक को कब्जे सरकार कर लिया। उसके बाद हाल ही आबकारी आयुक्त ने जिला आबकारी अधिकारी के 12 अक्टूबर के आदेश की पालना स्थगित की, तो दोनों दुकानें खुली हैं, लेकिन नए सिरे से माल के उठाव और बिक्री का सिलसिला शुरू करने से इनकी गारंटी खटाई में ही है।
इसके दीगर, दुकानें देते समय पांच फीसदी लाइसेंस फीस जमा कराने के बाद बची सवा-सवा प्रतिशत राशि दो तिमाही में अनुज्ञाधारियों को देनी थी। दिसंबर में उसकी दूसरी किस्त जमा नहीं होने पर विभाग इससे होने वाली दो करोड़ की आय के लिए उगाहेगा। चुनाव आचार संहिता के चलते मौजूदा तिमाही में अपेक्षित उठाव नहीं हो पाया। इससे उच्चाधिकारी भी परिचित है। 15 दिन में गारंटी अनुरूप उठाव नहीं होने पर एक जनवरी को अनुज्ञाधारियों को नोटिस जारी किए जाएंगे। पैनल्टी की बात है तो वह तो नियमानुसार लगना तय है। -