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Banswara शिक्षा विभाग की लापरवाही, 12वीं अंग्रेजी के पेपर कम प्रश्न छपे

 
Banswara शिक्षा विभाग की लापरवाही, 12वीं अंग्रेजी के पेपर कम प्रश्न छपे

बांसवाड़ा न्यूज़ डेस्क, बांसवाड़ा जिले में 9वीं से 12वीं तक की अर्द्धवार्षिक परीक्षा की शुरुआत विवादों के साथ हुई। पहले ही पेपर में जिला शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। सोमवार से शुरू हुई 12वीं की अंग्रेजी अनिवार्य विषय के पेपर में 5 प्रश्न ही मिस प्रिंट पाए गए। पेपर में 4 पृष्ठ में 17 प्रश्न बताए गए, लेकिन जैसे ही स्टूडेंट्स के हाथ में पेपर आया तो आखिरी पेज बिलकुल खाली देकर होश होड़ गए। 17 प्रश्न की जगह केवल 12 प्रश्न ही प्रिंट थे। अंग्रेजी का पेपर कुल 70 अंक का था, लेकिन जो प्रश्न प्रिंट हुए थे, उस हिसाब से केवल 48 नंबर ही बन रहे हैं। अंतिम पृष्ठ छपा ही नहीं, जिसमे निबंधात्मक प्रश्न पूछे जाते हैं, जो 22 अंक के होने थे। अधिकारी इसे प्रिंटिंग का दोष दे रहे हैं। जिसके बाद जिला समान परीक्षा समिति ने फैसला लेते हुए इन 70 नंबरों को इन 12 प्रश्नों में ही समायोजन करने का निर्णय लिया है। अध्यक्ष जिला समान परीक्षा एवं डीईओ मावजी खांट ने बताया किगलती किसकी है, इसे लेकर समिति को दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। बाकि सवालों के अंकों के समायोजन का आदेश भी दिया है। आंकलन के आधार भी अंक भार बढ़ा देंगे।

जीजीटीयू नहीं शुरू कर पाई डिजिटल लाइब्रेरी,

गोविंद गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय (जीजीटीयू) में डिजिटल लाइब्रेरी को शुरू करने की मांग लगातार जारी है। जीजीटीयू की लाइब्रेरी में पर्याप्त पुस्तकें उपलब्ध नहीं हैं और स्टूडेंट्स डिजिटल लाइब्रेरी की राह देख रहे हैं। हालांिक, विश्वविद्यालय में शनिवार को आयोजित संवाद कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति के शामिल होने के बाद स्टूडेंट्स में इस बात की आशा जगी है कि आने वाले समय में उनके लिए ई-लाइब्रेरी की सुविधा भी होगी। विश्वविद्यालय प्रशासन ने डिजिटल लाइब्रेरी के लिए अपने स्तर से प्रयास शुरू किए हैं। इसके लिए एक कमरा भी आवंटित किया जाना प्रस्तावित है। जीजीटीयू में अगर डिजिटल लाइब्रेरी, ई-कंटेंट, ई-लाइब्रेरी को फोकस में रखते हुए छात्र-छात्राओं को उससे जोड़ने से संग्रहित पुस्तकों का लाभ मिला तो स्टूडेंट्स को काफी फायदा होगा। विशेषज्ञों की मानें तो आज के डिजिटल युग में नॉलेज चाहने वाले छात्रों के लिए पारंपरिक पुस्तकालय अब एकमात्र विकल्प नहीं रह गया है। इलेक्ट्रॉनिक पुस्तकालयों या ई-पुस्तकालयों ने छात्रों के सूचना तक पहुंचने के तरीके को बदल दिया है। जिससे जानकारी ढूंढना और प्राप्त करना पहले से कहीं अधिक आसान, तेज और अधिक सुविधाजनक हो गया है।

छात्रों के लिए ई-पुस्तकालय के महत्व को कम करके आंका नहीं जा सकता। यह छात्रों को किसी भी समय, माउस के कुछ क्लिक या स्क्रीन पर टैप के साथ कहीं से भी जानकारी प्राप्त करने की अनुमति देता है। ई-पुस्तकालय प्रचुर मात्रा में संसाधन प्रदान करते हैं जो छात्रों को उनके ज्ञान को व्यापक बनाने,उनके अनुसंधान कौशल में सुधार करने और उनके शैक्षणिक प्रदर्शन को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं।