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Banswara डूंगरपुर-गुजरात सीमा पर सख्ती बढ़ने के साथ ही जिले के रास्ते छोटे वाहनों से बढ़ रही तस्करी

 
Banswara डूंगरपुर-गुजरात सीमा पर सख्ती बढ़ने के साथ ही जिले के रास्ते छोटे वाहनों से बढ़ रही तस्करी 

बांसवाड़ा न्यूज़ डेस्क, बांसवाड़ा डूंगरपुर जिले से लगी गुजरात सीमा पर सख्ती बढऩे से तस्करों ने कुछ दिनों से शराब तस्करी के लिए बांसवाड़ा जिले की ओर रुख कर लिया है। यही नहीं, गुजरात के सरहदी जिलों में मंजूरी के अभाव में घुसती बड़ी गाडिय़ों पर निगरानी भांपकर तस्कर अब छोटी गाडिय़ों से टुकड़ों में अवैध शराब परिवहन का सिलसिला चला रहे हैं। इसकी बानगी आनंदपुरी और कलिंजरा क्षेत्र में पुलिस की सतर्कता से बीते पांच दिनों में तीन बड़ी कार्रवाइयों से सामने आई हैं। जिले सल्लोपाट क्षेत्र से तीस किलोमीटर के बॉर्डर पर पांच मोनाडूंगर, पांच महुड़ा, राम का मुन्ना, खूंटागलिया और सीताथाल, जबकि आनंदपुरी क्षेत्र से मानगढ़ धाम तिराहे से गुजरात की सेमलिया चेक पोस्ट, संतरामपुर और महीसागर, तो पेट्रोल पंप के पास से गुजरात के फतहपुरा और आनंदपुरी से सल्लोपाट होकर मोनाडूंगर से गुजरात के मुख्य मार्ग हैं। इन पर चौकसी के चलते अवैध शराब सीमापार कराना मुश्किल होने से तस्कर 15-20 कच्चे और छोटे रास्तों से रात के अंधेरे में निकल रहे हैं।

चूंकि तस्करों का भी अपना सूचना तंत्र है और पुलिस की नाकाफी नफरी से भी वे वाकिफ हैं, लिहाजा तू डाल-डाल तो मैं पात-पात का खेल चल रहा है। हालांकि मौका पाते ही पुलिस इनके मंसूबे फेल कर रही है। सूत्र बताते हैं कि गुजरात में शराबबंदी के बीच डिमांड से चंडीगढ़ की अनधिकृत शराब पहले भी चोरी-छिपे तस्कर पहुंचाते रहे हैं, लेकिन पिछले कुछ दिनों से उदयपुर संभाग से राजस्थान निर्मित और बिक्री के लिए अधिकृत शराब बांसवाड़ा जिले से होकर गुजरात भेजने का क्रम बढ़ा है। इसके पीछे कारण उदयपुर के देहाती इलाकों और चित्तौडगढ़-प्रतापगढ़ जिलों में ठेके की दुकानों से जरूरी उठाव नहीं हो पाना भी है। पैनल्टी की मार से बचने अधिकृत शराब की खेप सस्ते में देने और उधर गुजरात में मुंहमांगे दाम में बिकने से तस्करों का रुझान इसे रातोंरात सीमा पार कराने में बढ़ा है।

जिलों के सरहदों पर उठापटक

गुजरात के लिए छोटी गाडिय़ों के इस्तेमाल की उठापटक जिले से सटे डूंगरपुर के साबला-आसपुर तो इधर प्रतापगढ़ जिले के पीपलखूंट क्षेत्रों में हो रही है। इसके दीगर, गुजरात के करीब पहुंचने के बाद पकड़े जाने के अंदेशे पर पास के अंदरुनी गांवों में भी भंडारण किया जा रहा है। फिर मौका पाते ही गुजरात पासिंग नंबर की कारों में शिफ्ट कर रातोंरात भेजा जा रहा है। इसमें भी एनएच-56 और स्टेट हाईवे-32 का उपयोग विवशता में ही थोड़ा-बहुत करके अंदरुनी कच्चे रास्तों से गाडिय़ां भेजी जा रही हैं। इससे मुख्य मार्ग छूटने के बाद तस्कर बिंदास हैं। रास्ते में नंबर प्लेटें बदल-बदलकर किए जा रहे इस खेल में हालांकि आगे गुजरात में प्रवेश के बाद धरपकड़ और उधर से संकेत पर बांसवाड़ा में कार्रवाइयां तस्करों को झटके भी दे रही हैं।  मादक पदार्थों की तस्करी रोकने के लिए पुलिस प्रयासरत है। कुछ दिनों से छोटी गाडिय़ों से अवैध शराब का परिवहन बढ़ा है। चुनाव करीब होने के मद्देनजर और सख्ती बढ़ाई जाएगी।