Banswara सोशल मीडिया के जरिए कार्यक्रम का प्रचार करने पर प्रशासन ने मंजूरी देने से किया इनकार
गौरतलब है कि 25 अगस्त को बिना मंजूरी और जगह बताए महापड़ाव डालने पर प्रशासन और पुलिस को नेशनल हाईवे सागड़ोद से लेकर गुजरात सीमा पर मोनाडूंगर तक डटा रहना पड़ा था। इससे पहले कुछ गिरफ्तारियों के साथ कई लोगों को पाबंद भी करवाया गया, जिस पर उखड़े लोग भोयण घाटी के पास डूंगरे पर जमा हुए और हाईवे पर आने का प्रयास किया था। हालांकि उसे प्रशासन और पुलिस ने पूरी तरह विफल कर दिया, वहीं आदिवासी आरक्षण मंच की संघर्ष समिति ने भी महापड़ाव स्थगित करने का निर्णय कर स्पष्ट किया कि आगे वे मंजूरी लेकर ही कोई कार्यक्रम करेंगे। इससे माहौल पूरी तरह शांत हो गया। इसके बाद बीते कुछ दिनों से 9 सितंबर को एक दिवसीय कार्यक्रम कलिंजरा थाना क्षेत्र के ही घाटीकड़ा में रखने के संदेश वायरल किए जा रहे हैं।
इससे आगे कानून व्यवस्था प्रभावित होने के अंदेशे पर पुलिस और इंटेलिजेंस फिर सक्रिय है। गौरतलब है कि मंच मिशन 73 के तहत आबादी के अनुपात में आदिवासी समाज को आरक्षण और भर्तियों की अहर्ताओं में मौजूदा रियायतें नाकाफी बताकर पूरी छूट की मांग करता रहा है। अब चुनाव करीब आने पर आंदोलन के जरिए मांगें मनवाने की कोशिशें हैं। इससे पहले पुलिस की इंटेलिजेंस से मिले फीडबैक पर आला अधिकारियों ने भी सतर्कता बढ़ाई है। हालांकि आला अधिकारी इस पर कुछ कहने से बच रहे हैं, लेकिन सूत्र बताते हैं कि महकमे की ओर से भी प्रशासन को आरक्षण मंच के किसी आयोजन के लिए स्वीकृति नहीं देने की सिफारिश की गई है।