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Banswara सोशल मीडिया के जरिए कार्यक्रम का प्रचार करने पर प्रशासन ने मंजूरी देने से किया इनकार

 
Banswara सोशल मीडिया के जरिए कार्यक्रम का प्रचार करने पर प्रशासन ने मंजूरी देने से किया इनकार
बांसवाड़ा न्यूज़ डेस्क, बांसवाड़ा पिछले माह खुले ऐलान के बाद गैरकानूनी तरीके से हाईवे 56 पर डाला जा रहा महापड़ाव विफल करने के बाद प्रशासन और पुलिस के सामनेे फिर नई हरकत की सुगबुगाहट सामने आई है। इस बार महापड़ाव का नाम कार्यक्रम देकर आदिवासी आरक्षण मंच की ओर से तैयारी के साथ स्वीकृति लेने के प्रयास भी हुए हैं। हालांकि जिले में 23 अगस्त से जिला मजिस्ट्रेट और कलक्टर की ओर से धारा 144 सीआरपीसी के तहत निषेधाज्ञा लागू होने से मंजूरी की गुंजाइश नहीं है। बावजूद इसके बागीदौरा क्षेत्र में सोशल मीडिया के जरिए संदेश भेजकर महापड़ाव के लिए भीड़ जुटाने की कोशिशें चल रही हैं।

गौरतलब है कि 25 अगस्त को बिना मंजूरी और जगह बताए महापड़ाव डालने पर प्रशासन और पुलिस को नेशनल हाईवे सागड़ोद से लेकर गुजरात सीमा पर मोनाडूंगर तक डटा रहना पड़ा था। इससे पहले कुछ गिरफ्तारियों के साथ कई लोगों को पाबंद भी करवाया गया, जिस पर उखड़े लोग भोयण घाटी के पास डूंगरे पर जमा हुए और हाईवे पर आने का प्रयास किया था। हालांकि उसे प्रशासन और पुलिस ने पूरी तरह विफल कर दिया, वहीं आदिवासी आरक्षण मंच की संघर्ष समिति ने भी महापड़ाव स्थगित करने का निर्णय कर स्पष्ट किया कि आगे वे मंजूरी लेकर ही कोई कार्यक्रम करेंगे। इससे माहौल पूरी तरह शांत हो गया। इसके बाद बीते कुछ दिनों से 9 सितंबर को एक दिवसीय कार्यक्रम कलिंजरा थाना क्षेत्र के ही घाटीकड़ा में रखने के संदेश वायरल किए जा रहे हैं।

इससे आगे कानून व्यवस्था प्रभावित होने के अंदेशे पर पुलिस और इंटेलिजेंस फिर सक्रिय है। गौरतलब है कि मंच मिशन 73 के तहत आबादी के अनुपात में आदिवासी समाज को आरक्षण और भर्तियों की अहर्ताओं में मौजूदा रियायतें नाकाफी बताकर पूरी छूट की मांग करता रहा है। अब चुनाव करीब आने पर आंदोलन के जरिए मांगें मनवाने की कोशिशें हैं। इससे पहले पुलिस की इंटेलिजेंस से मिले फीडबैक पर आला अधिकारियों ने भी सतर्कता बढ़ाई है। हालांकि आला अधिकारी इस पर कुछ कहने से बच रहे हैं, लेकिन सूत्र बताते हैं कि महकमे की ओर से भी प्रशासन को आरक्षण मंच के किसी आयोजन के लिए स्वीकृति नहीं देने की सिफारिश की गई है।