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Banswara पार्षद जोशी की करंट से मृत्यु मामले में महज एक बार मिले अधिकारी, पसर गई जांच

 
Banswara पार्षद जोशी की करंट से मृत्यु मामले में महज एक बार मिले अधिकारी, पसर गई जांच

बांसवाड़ा न्यूज़ डेस्क, बांसवाड़ा  शहर में पिछले माह करंट से पार्षद योगेश जोशी की मौत के मामले में प्रशासन की ओर से जांच के आदेश मानो ठंडे बस्ते में चल रहे हैं। पहले स्वाधीनता दिवस की तैयारियों और उसके बाद जांच कमेटी के मुखिया का तबादला होने से मामला पसर सा गया है। ऐसे में नतीजा और हादसे के जिम्मेदारों की हकीकत सामने आना मुश्किल प्रतीत हो रहा है। गत 29 जुलाई की सुबह पाला रोड पर भैरवजी स्थानक पर दर्शन के लिए रुके पार्षद योगेश जोशी की जीआई तार में दौड़ते करंट की चपेट में आने से मृत्यु हो गई थी।

पुलिस ने पहले मर्ग और फिर जोशी के भाई की रिपोर्ट पर विद्युत निगम के कार्मिकों के खिलाफ कोतवाली में केस दर्ज किया। अजमेर डिस्कॉम और नगर परिषद ने झंडियां-फर्रियां लगाने के लिए खंभों पर जीआई तार बांधने वालों को जिम्मेदार बताया था, लेकिन करंट किसकी लाइन के खुले-टूटे तार से आया, यह स्पष्ट नहीं हुआ। घटना के बाद शहर में बढ़े असंतोष, मौजूदा हालात पर  तीन दिन तक खबरें प्रकाशित करने के बाद कलक्टर प्रकाशचंद्र शर्मा ने 1 अगस्त को प्रशासनिक दृष्टि से जांच के आदेश दिए। इसमें उपखंड मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में सार्वजनिक निर्माण विभाग की इलेक्ट्रिकल ब्रांच के अधिशासी अभियंता या सहायक अभियंता विद्युत एवं आईटीआई के उप प्रधानाचार्य को सदस्य नियुक्त जांच कर 15 दिन में रिपोर्ट मांगी थी। मियाद बीतने के बाद भी कोई नतीजा सामने नहीं आया है।

गठित कमेटी के अध्यक्ष एसडीएम प्रकाशचंद्र रेगर का तबादला हो चुका है। सोमवार को कॉल करने पर भी संपर्क नहीं हो पाया। दूसरी ओर, कमेटी सदस्यों ने अधिकृत नहीं होने से कुछ कहने से इनकार किया। सूत्र बताते हैं कि पहले स्वाधीनता दिवस की तैयारियों के चलते कमेटी समय नहीं दे पाई। इसके बाद मुखिया का तबादला हो गया। एक बार तीनों अधिकारी कुछ देर के लिए आपस में चर्चा कर पाए। इसके चलते जांच ही टल गई। मेरे दफ्तर से रिपोर्ट मिलने की जानकारी नहीं है। जयपुर मीटिंग में गया था। इस संबंध में मंगलवार को दिखवाएंगे।