Aapka Rajasthan

Banswara बीएपी को मिले समर्थन से भाजपा-कांग्रेस की उड़ी नींद

 
Banswara बीएपी को मिले समर्थन से भाजपा-कांग्रेस की उड़ी नींद

बांसवाड़ा न्यूज़ डेस्क, बांसवाड़ा राजस्थान विधानसभा चुनाव के अन्तर्गत जनजाति बहुल बांसवाड़ा-डूंगरपुर में पहली बार चुनाव मैदान में उतरी नवगठित भारत आदिवासी पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस की मानो नींद उड़ा दी है। विशेष रूप से युवाओं के समर्थन के बूते नई पार्टी ने बांसवाड़ा जिले में दो सीटों पर भाजपा को तीसरे स्थान पर धकेल दिया है, वहीं डूंगरपुर में चौरासी और आसपुर सीटों पर कब्जा जमाते हुए अपनी मजबूत उपिस्थति दर्ज कराई है। वागड़ में बदला यह राजनीतिक परिदृश्य आगामी लोकसभा चुनाव पर भी व्यापक असर डालेगा, इसकी पूरी संभावनाएं हैं।

बांसवाड़ा-डूंगरपुर में 2018 में भारतीय ट्राइबल पार्टी का उदय हुआ था। पार्टी ने डूंगरपुर जिले की चौरासी और सागवाड़ा सीट पर कब्जा जमाया। वहीं बांसवाड़ा जिले में गढ़ी, बागीदौरा और घाटोल में प्रत्याशी उतारे। हालांकि बांसवाड़ा में बीटीपी को जीत नहीं मिल पाई, किंतु इसका असर जरूर देखा गया। विधानसभा चुनाव से कुछ समय पहले बीटीपी में टूट हुई और चौरासी विधायक सहित प्रमुख व अधिकांश कार्यकर्ताओं ने बीएपी के रूप में नई पार्टी का गठन किया, जिसने इस बार के विधानसभा चुनाव में अप्रत्याशित परिणाम देकर भाजपा व कांग्रेस के साथ ही राजनीतिक विश्लेषकों को भी जबरदस्त चौंकाया है।

आगामी लोकसभा चुनाव में करीब छह माह का समय है। बीएपी को मिले समर्थन के बाद अब भाजपा व कांग्रेस में लोकसभा चुनाव की तैयारी को लेकर विशेष रणनीति बनानी होगी। वहीं बीएपी भी विधानसभा चुनाव में मिली सफलता व जन समर्थन को लोकसभा चुनाव में बनाए रखने की पुरजोर कोशिश में जुटेगी। लोकसभा चुनाव में बांसवाड़ा की पांच तथा डूंगरपुर की आसपुर को छोड़कर शेष तीन सीटें बांसवाड़ा-डूंगरपुर संसदीय क्षेत्र में आती हैं। 2019 के चुनाव में 19 लाख 75 हजार से अधिक मतदाताओं में से 72.81 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाले थे। इसमें भाजपा को सात लाख 12 हजार, कांग्रेस को चार लाख छह हजार, बीटीपी को ढाई से अधिक वोट मिले थे।

इस बार के विधानसभा चुनाव में बांसवाड़ा की पांच सीटों पर बीएपी ने दो लाख 56 हजार 980 वोट तथा डूंगरपुर की आसपुर को छोड़ शेष तीन सीट पर 2 लाख 24 हजार 611 वोट हासिल किए हैं। आठों सीटों पर मिले चार लाख 81 हजार पांच सौ से अधिक वोट गत लोकसभा चुनाव में बीटीपी प्रत्याशी को मिले वोटों से करीब दो लाख 30 हजार से अधिक हैं। ऐसे में साफ है कि बीएपी आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के लिए कड़ी चुनौती के रूप में सामने रहेगी और इससे पार पाने के लिए आठों सीटों पर पूरी ताकत झोंकनी होगी।