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Banswara 27 किसानों को 25 लाख रुपए का ऋण स्वीकृत, बांटे 16 लाख रुपए

 
Banswara 27 किसानों को 25 लाख रुपए का ऋण स्वीकृत, बांटे 16 लाख रुपए

बांसवाड़ा न्यूज़ डेस्क, बांसवाड़ा जिले में आनंदपुरी इलाके के चांदरवाड़ा कस्बे में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) शाखा से केसीसी लोन देने में कथित फर्जीवाड़े का मामला उलझ गया है। क्षेत्र के 27 किसानों का दावा है कि वर्ष 2019 से 2022 के बीच तत्कालीन प्रबंधक और स्टाफ ने अंगूठे और दस्तखत करवाकर मिलीभगत करते हुए लाखों के लोन की राशि आधी-अधूरी देकर चलता कर दिया। 27 में से 25 किसानों की जो सूची उपलब्ध करवाई गई उसके अनुसार इनमें न्यूनतम 85 हजार से लेकर अधिकतम एक लाख 60 हजार तक के लोन स्वीकृत किए गए। फिर करीब 25 लाख रुपए से ज्यादा राशि की स्वीकृति पर लोन वितरण 16 लाख के करीब ही किया गया।किसानों का दावा कि उन्हें 40 फीसदी राशि ही मिली और बाकी राशि गांव का बीसी और बैंककर्मी मिलीभगत कर आपस में जिम गए। मामले में बैंक का नया प्रबंधन रेकॉर्ड में सब कुछ दुरुस्त बता रहा है, तो पुलिस चुनाव आचार संहिता लगने के बाद कामकाजी व्यस्तता के चलते जांच आगे नहीं बढ़ पाना बता रही है।

ऐसे में शिकायतकर्ता भटक रहे हैं और हकीकत पर पर्दा पड़ा हुआ है। मामले में मुकेश पुत्र गौतम, प्रभु पुत्र खाना और उसके भाई रमण सहित पाटिया गांव के 25 और पूछियावाड़ा गांव के दो किसानों ने अक्टूबर में पुलिस से एसबीआई के तत्कालीन शाखा प्रबंधक, कैशियर, कर्मचारी हिम्मतसिंह पुत्र बलवीरसिंह राजपूत, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भेमा प्रजापत और बैंक के बीसी पाटिया गांव के मुकेश पुत्र हवजी के खिलाफ रिपोर्ट दी थी। इसमें बताया कि 2019 से 2022 तक बैंक से किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) की योजना में लोन स्वीकृत किए गए। इसके बाद शाखा प्रबंधक ने किसानों को बुलाया और मूल ऋण राशि नहीं देकर आधी अधूरा भुगतान करते हुए कहा कि शेष राशि बैंक खातों में जमा हो गई है।

किसानों का आरोप है कि उस सम कोरे विड्रॉल फार्म पर अंगूठे-दस्तखत करवाए गए। बाद में शेष राशि नहीं मिलने पर बैंक गए, तो कोरो आश्वासन ही मिले। फिर खाते चैक करवाए तो पता चला कि इनमें कोर्ठ राशि जमा नहीं हुई है। इससे लगा कि शाखा प्रबंधक और बैंककर्मियों ने मिलकर ऋण राशि हड़प ली है। आरोपियों ने पास बुकें भी उन्हें नहीं लौटाई। मामले में कार्रवाई की मांग पर पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया और अपेक्षित जांच नहीं हुई तो 1 सितंबर,2023 को किसानों ने जिला मुख्यालय आकर एसपी और कलक्टर को परिवाद दिए। इसके साथ 25 किसानों ने उन्हें स्वीकृत लोन राशि और प्राप्त राशि की सूची सौंपने हुए गुहार लगाई। इस पर परिवाद आनंदपुरी थाने भेजा गया। इस पर अब तक जांच जारी है।