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Banswara आईजी कार्यालय और रिजर्व पर कब्जा करने के लिए तीनों जिलों में जमकर जोड़-तोड़

 
Banswara आईजी कार्यालय और रिजर्व पर कब्जा करने के लिए तीनों जिलों में जमकर जोड़-तोड़
बांसवाड़ा न्यूज़ डेस्क, बांसवाड़ा संभाग बनाने की घोषणा के बाद नोटिफिकेशन आते ही बांसवाड़ा सहित करीबी जिलों में पुलिस के सामने नई चुनौती नफरी की होने वाली है। महकमे में कमी पहले से है। इस पर आईजी के दफ्तर और रिजर्व जाब्ते की दरकार पर अब बांसवाड़ा डूंगरपुर और प्रतापगढ़ से जोड़-तोड़ कर नफरी जुटाई जाएगी। ऐसे में पहले से मानव संसाधन के मामले में जैसे-तैसे चल रहे पुलिस प्रबंधन में और कटौती से तीनों जिलो में दुबले पर दो आषाढ़ की स्थिति होगी। गौरतलब है कि विभाग में नई भर्ती की अभी कोई गुंजाइश नहीं दिखलाई नहीं दे रही। फिर साल-छह महीने में जवानों की भर्ती शुरू भी हो तो उन्हें तैयार कर फील्ड में उतारने में डेढ़-दो साल लगने तय है। ऐसे में मौजूदा मानव संसाधन से ही काम चलाना विवशता है।

बांसवाड़ा में पहले से 25 तो डूंगरपुर में 19 फीसदी जाब्ता कम

जाब्ते के मामले में आंकड़ों पर गौर करें तो बांसवाड़ा में पुलिस अधीक्षक से लेकर कांस्टेबल तक के पदों पर विभाग में स्वीकृत नफरी का आंकड़ा 1581 है, जिसमें से 1200 ही कार्यरत है। यानी 381 अधिकारियों-जवानों की करीब 25 फीसदी कमी पहले से है। उधर, डूंगरपुर में 1351 के मुकाबले नफरी 1099 है। यहां 255 यानी करीब 19 फीसदी पद रिक्त हैं। उधर, प्रतापगढ़ में भी कमोबेश यही स्थिति है। इस पर अब तीनों जिलों से थोड़ा-थोड़ा जाब्ता घटाकर जुटाने पर और कमी होगी ही।

चौकियों पर इक्का-दुक्का, थानों में भी है संकट

जिलों के माौजूदा हालात यह है कि कुछ चौकियों पर स्टाफ इक्का-दुक्का ही है। इसके दीगर, थानों में भी अनुसंधान अधिकारियों की कमी है। फिर जिलों का और जाब्ता घटने पर पुलिस प्रबंधन में दिक्कतें नहीं होगी, यह कहना मुश्किल ही है। हालांकि तर्क यह भी है कि संभाग मुख्यालय का जाब्ता वक्त-जरूरत तीनों जिलों के काम आएगा, लेकिन इससे मौजूदा व्यवस्था गड़बड़ाने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। बांसवाड़ा में आईजी का दफ्तर अभी विशेषाधिकारी बांसवाड़ा संभाग के साथ अस्थायी तौर पर टीएडी के भवन में खुल चुका है। यहां कुछ मंत्रालयिक कर्मचारी और पुलिस के अधिकारी-जवान लगाए भी हैं, लेकिन जल्द ही इनमें इजाफा होगा। इसके दीगर, आईजी की रिजर्व फोर्स भी बनेगी। सुगबुगाहट है कि उसके लिए जाब्ता तीनों जिलों से थोड़ा-थोड़ा करके जुटाया जाएगा। इससे जिलों की नफरी में 50-60 की कमी होगी।