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Banswara फर्जी कागजात बनाकर एससी के नाम की 60 हजार वर्गफीट जमीन, केस दर्ज

 
Banswara फर्जी कागजात बनाकर एससी के नाम की 60 हजार वर्गफीट जमीन, केस दर्ज

बांसवाड़ा न्यूज़ डेस्क, बांसवाड़ा शहर के मध्य श्रीराम कॉलोनी में करीब 15 करोड़ रुपए कीमत की 60 हजार वर्गफीट जमीन के फर्जी तरीके से नामांतरण और नामांतरण का मामला सामने आया है। इसे लेकर संभागीय आयुक्तालय की अदालत ने 11 जुलाई को मामले पर रोक लगा दी थी. दरअसल, बड़गांव के यादव मोहल्ला निवासी डॉ. मांगीलाल यादव ने नगर परिषद के अधिकृत अधिकारी और जमीन खरीदने वाले के खिलाफ केस दायर किया था. इस फर्जीवाड़े को लेकर श्रीराम कॉलोनी निवासी लक्ष्मीकांत अग्रवाल।  यादव ने मुकदमे में कहा था कि झुंझुनूं निवासी नथमल, सोहनलाल, श्योराम, भगवानराम साकिन के पास जमीन का मालिकाना हक है, लेकिन लक्ष्मीकांत अग्रवाल ने फर्जी तरीके से एससी की जमीन का विक्रय पत्र एक रुपए के स्टांप पेपर पर आम लोगों के नाम पर तैयार कर दिया। कर चुके है। स्टांप की रजिस्ट्री भी नहीं कराई गई है। जबकि यह विक्रय पत्र अग्रवाल की ओर से स्वयं को विक्रेता बताकर खाताधारकों से 18 जून 1989 को 70 हजार रुपये में खरीदा गया था। कानूनी तौर पर ऐसे विक्रय पत्र पर सहमति नहीं दी जा सकती। कोर्ट ने हाल ही में जमीन की यथास्थिति बनाए रखने के आदेश जारी किए हैं। इस मामले में अगली सुनवाई 28 अगस्त को होगी. जिसमें पूरी रिपोर्ट नगर परिषद के अधिकृत अधिकारी को सौंपनी होगी.


इधर, इस मामले पर उनका पक्ष जानने के लिए लक्ष्मीकांत अग्रवाल से संपर्क नहीं हो सका।1989 में भूमि परिवर्तन के समय प्रस्तुत मानचित्र एवं विक्रय पत्र में नथमल एवं भगवानाराम के चिन्ह में भिन्नता है। यदि जमीन 1989 में बेची गई थी तो खातेदार नथमल व अन्य लोग 2007 तक अजमेर में तहसीलदार, एसडीआरओ व राजस्व मंडल से जमीन की लड़ाई क्यों लड़ रहे थे। विक्रय पत्र में 1986, 89 के स्टाम्प पर 2012 अंकित है। जिस पर अन्य लोगों के भी हस्ताक्षर हैं। श्री सरकार की आराजी सर्वे 1925 भूमि को छोड़कर कुल 2 बीघे भूमि का 4 बार नामांतरण किया गया है। जैसा कि नक्शे में दिखता है लेकिन गलत तरीके से 2013 में लीज पर दे दिया गया। अनुसूचित जाति के खातेदारों की जमीन सीधे सामान्य वर्ग को कैसे बेची जा सकती है। हां, यह सच है कि जमीन के नामांतरण व नामांतरण को लेकर मंडलायुक्त कोर्ट से स्टे आ गया है। इसलिए हम वहां होने वाली गतिविधि को तुरंत रोक रहे हैं.' यह काफी पुराना मामला है, इसलिए फाइल देखकर ही पता चलेगा कि जमीन किसके नाम थी और किसे बेची गई, पट्टा किसके नाम से जारी हुआ।

दुकान से लौट रहे अधेड़ की नदी में डूबने से मौत

आंबापुरा में दुकान से लौट रहे अधेड़ की नदी में डूबने से मौत हो गई। घटना मंगलवार शाम की है। महेशपुरा निवासी 52 वर्षीय मगन पुत्र मागजी मईड़ा किराने की दुकान से सामान लेने गए थे। इसी दौरान लौटते समय वह नदी में तेज बहाव होने की वजह से बह गया। आस-पास के लोगों ने बचाने का प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली। मामले की सूचना पुलिस को दी गई और तालाशी अभियान चलाया गया। रात करीब 9:30 बजे मगन का शव बरामद हो सका। इस मामले में उनकी पत्नी लक्ष्मी की ओर से थाने में रिपोर्ट दी गई। पुलिस ने मर्ग दर्ज किया और हेड कांस्टेबल खोमचंद ने मगन के शव को पोस्टमार्टम के बाद परिवार के सुपुर्द कर दिया।