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Banswara 14 बीघा जमीन, गेहूं-मक्का से 1.5 लाख, सब्जी से 4 लाख, अब आमदनी 12 लाख

 
Banswara 14 बीघा जमीन, गेहूं-मक्का से 1.5 लाख, सब्जी से 4 लाख, अब आमदनी 12 लाख
बांसवाड़ा न्यूज़ डेस्क, बांसवाड़ा सफल व्यापारी बनने के लिए रिस्क लेना ही पड़ता है। ऐसी ही रिस्क अरथूना के भरड़ाजाल निवासी किसान गुणवंत सिंह सिसोदिया ने ली। यह रिस्क थी पारंपरिक खेती गेहूं, मक्का को छोड़ आलू उगाने की। बांसवाड़ा की जमीन में आज तक किसी किसान ने आलू की बड़े स्तर पर खेती नहीं की थी।गुणवंत ने कोरोनाकाल वर्ष 2021-22 में 1/4 बीघा में प्रेक्टिकल के तौर पर 150 किलो आलू बोया, उत्पादन 22 क्विंटल हुआ। इस पर 14 बीघा खेत में आलू बोया। इससे 1 हजार टन उत्पादन और आय 12 लाख रुपए हुई। उन्हें खेती में करीब 4 लाख रुपए खर्च आया और 8 लाख रुपए शुद्ध मुनाफा हुआ। उन्होंने बताया कि पहले गेहूं-मक्का से सालाना 1.5 लाख और सब्जियों से 4 लाख रुपए इनकम होती थी। गुणवंत बताते हैं कि उनके पास कुल जमीन 50 बीघा है। 32 बीघा में बूंद-बूंद सिंचाई करने के लिए ड्रिप सिस्टम लगाया है। अभी 14 बीघा में आलू की खेती की थी, अब 32 बीघा में आलू फार्मिंग करेंगे। बाकी की जमीन में हरी सब्जियां उगाएंगे। खेती में नवाचार के लिए गुणवंत सिंह 26 जनवरी 2024 को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों राष्ट्रीय कृषक पुरस्कार से सम्मानित हो चुके हैं। कुल 14 बीघा में आलू की बुवाई की है। 11.5 बीघा में एलआर वैरायटी का चिप्स का आलू औैर 2.5 बीघा में खाने का पुखराज आलू उगाया है।

लगभग 3.75 क्विंटल प्रति बीघा की दर से आलू बीज के रूप में खेतों में बुवाई की है। चिप्स वाला आलू 1355 रुपए प्रति क्विंटल की दर से 70 क्विंटल प्रति बीघा उत्पादन कुल उत्पादन 805 क्विंटल होगा। इस आलू को गुजरात की एक चिप्स निर्माता कंपनी से खरीदने का एग्रीमेंट किया है। चिप्स निर्माता कंपनी उसके खेत पर ही भुगतान कर आलू अपने वाहन से गुजरात लेकर जाएगी।

खाने वाला आलू 2.5 बीघा में करीब 175 क्विंटल उत्पादन होगा। ये आलू 700-800 रुपए प्रति क्विंटल की दर से मंडी में विक्रय होने की संभावना है। इससे उसे 1.25 लाख रुपए की आय होने की संभावना है। इस साल आलू की खेती के साथ-साथ ही 8 बीघा में शिमला मिर्च, 2000 वर्ग मीटर में पॉली में खीरा की खेती कर रखी है।