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Banswara 600 क्रिटिकल बूथों पर सशस्त्र सीएपीएफ जवान तैनात किए जाएंगे

 
Banswara 600 क्रिटिकल बूथों पर सशस्त्र सीएपीएफ जवान तैनात किए जाएंगे

बांसवाड़ा न्यूज़ डेस्क, बांसवाड़ा  रेंज बनने के बाद तीन जिलों बांसवाड़ा, डूंगरपुर और प्रतापगढ़ में पहले विधानसभा चुनाव शांतिपूर्ण और निर्विघ्न संपन्न कराने के लिए पुलिस महकमे ने तैयारी शुरू कर दी है। संभाग में संभावित तीन हजार मतदान केंद्रों में साढ़े छह सौ से ज्यादा क्रिटिकल बूथ चिह्नित किए हैं, जिन पर सेंट्रल आर्मड पुलिस फोर्स (सीएपीएफ) के पांच-पांच सशस्त्र जवान तैनात होंगे। बांसवाड़ा के पांच, डूंगरपुर के चार और प्रतापगढ़ के दो सहित 11 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव के दौरान सुरक्षा और कानून व्यवस्था के लिए प्लानिंग कर ली गई है। आगे इसमें कुछ इजाफे के आसार हैं। विधानसभा चुनाव के लिए संभाग मुख्यालय से 58 कंपनियां बुलाना प्रस्तावित किया है। इनमें 21-21 बांसवाड़ा और डूंगरपुर जिलों में, जबकि 16 प्रतापगढ़ में लगाया जाना प्रस्तावित है।

गौरतलब है कि सीएपीएफ की एक कंपनी में 70 से 80 सशस्त्र जवान होते हैं। तीनों जिलों के मौजूदा जाप्ते के साथ बाहर से आने वाला पुलिस बल यानी दस हजार पुलिसकर्मी चुनाव और मतगणना जुटाए जाएंगे। संभाग के डूंगरपुर जिले के आठ बूथ वलनरेबल माने गए हैं, तो कुछ और प्रतापगढ़ के जुडऩे की संभावना है। चार श्रेणियों में आने वाले वलनरेबल बूथ वे केंद्र माने जाते हैं, जहां किसी जाति विशेष की दबंगई चलती हो और पिछले चुनाव में कमजोर वर्ग के लोगों को मतदान से वंचित किया हो। साथ ही मतदान का प्रतिशत उन मतदान केंद्रों पर कमजोर वर्गों का कम तथा बहुल जाति के मतदाताओं का अधिक रहा हो। इसके अलावा दबंगों अथवा आपराधिक किस्म के लोगों द्वारा वोटरों को डराने- धमकाने की पुरानी घटना तथा आगे आशंका पर भी केंद्र वलनरेबल बूथ के रूप में चिन्हित किए हैं।

इसके दीगर, जिन बूथों पर झगड़ा और कैप्चरिंग की वारदात होती रही हैं, या पिछले चुनाव में किसी एक प्रत्याशी के पक्ष में बहुत अधिक या बहुत कम वोट पड़े हों, जिन बूथों तक पहुंचने का रास्ता मुश्किल हो, वे क्रिटिकल माने गए हैं। इनकी सुरक्षा में सशस्त्र जाप्ता लगेगा। गौरतलब है कि 2018 में चुनाव कराने के लिए सीएपीएफ की बांसवाड़ा में पांच, जबकि प्रतापगढ़ में छह यानी कुल 11 कंपनियां बुलाई गई। फिर मतगणना के समय इनके अलावा डूंगरपुर में नौ यानी तीनों जिलों में कुल 20 कंपनियां तैनात की गईं।