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वैलेंटाइन डे से पहले राजस्थान में अपने प्यार के लिए प्रेमिका ने खेला खूनी खेल, सेहली को उतारा मौत के घाट

 
वैलेंटाइन डे से पहले राजस्थान में अपने प्यार के लिए प्रेमिका ने खेला खूनी खेल, सेहली को उतारा मौत के घाट

बांसवाड़ा न्यूज़ डेस्क, राजस्थान के बासंवाड़ा जिले में दो नाबलिक लड़का लड़की ने मिलकर एक नाबलिग सहेली को बेरहमी से मार डाला, इसके बाद उसका शव भी कुए में फेंक दिया। जिस उम्र में उन्हें पढ़ना लिखना चाहिए, उस उम्र में उनके हाथ खून से रंगा चुके हैं। ऐसे में हर कोई इस घटना की निंदा कर रहा है।

बांसवाड़ा जिले की कहानी

दरअसल बांसवाड़ा जिला राजस्थान का आदिवासी जिला कहा जाता है। बड़ी संख्या में आदिवासी समुदाय के परिवार यहां रह रहे हैं। सल्लापोट थाना इलाके में स्थित एक गांव में ही पंद्रह साल की रूपा रहती है। वह अपनी पंद्रह साल की सहेली सीता के साथ स्कूल जाती है। रूपा के पास फोन है और वह उसके माता पिता को पता नहीं हैं। इस फोन से सुमित नाम के लड़के से बातचीत शुरू हुई। वह 17 साल का है। चूकि तीनों नाबालिग हैं इसलिए तीनों के नाम काल्पनिक लिखे गए हैं।

शादी के लिए बनाया मर्डर का प्लान

रूपा और अनिल ने इस वेलेंटाइन डे से पहले शादी करने के तैयारी कर ली। लेकिन दोनो के परिवार राजी नहीं थे। दोनो भागकर शादी करते तो पुलिस वाले उनको तलाश ही लाते। ऐसे में रूपा ने प्लान बनाया और ऐसा प्लान बनाया कि खून ही खून फैल गया। रूपा ने सुमित से कहा कि वह अपने जैसी कद काठी की किसी लड़की को मार देगी और उसे अपने कपड़े पहना देगी। सुसाइड का तैयारी कर लेगी। सुमित भी इस प्लान को लेकर तैयार हो गया।

सहेली को मारकर कुएं में फेंका

फिर एक फरवरी को रूपा दोपहर में अपने घर से बैग लेकर सहेली के यहां जाने के लिए निकली। सुमित के पास पहुंची और सुमित से बात कर अपनी सहेली सीता को बुला लिया। सीता भी एक फरवरी को शाम सात बजे पढ़ाई के नाम पर घर से निकली। उसके बाद सुमित और रूपा ने मिलकर सीता को मार दिया। उसके चेहरे पर चाकू से दर्जनों वार कर चेहरा बिगाड़ दिया। हाथ की नस काट दी ताकि लगे सुसाइड किया है। फिर रूपा ने सीता को अपने कपड़े पहना दिए और लाश को कुएं में फेंक दिया। फिर अपने प्रेमी के साथ गुजरात के गांधी नगर भाग गई।

गुजरात से पकड़ाई रूपा

उधर दो फरवरी को पुलिस ने रूपा और सीता दोनो लड़कियों की तलाश शुरू की। पता चला कि कुएं में लाश पड़ी है। निकाली तो कपड़ों से पहचान की गई कि यह रूपा हो सकती है। लेकिन जब अन्य जांच पड़ताल की तो पता चला कि यह लाश रूपा की नहीं है, यह लाश सीता की है। दोनो के परिवारों से पता चला कि दोनो पक्की सहेलियां थी। इस पर रूपा की तलाश शुरू की गई। रूपा को आखिर पांच फरवरी को गांधी नगर, गुजरात से पकड़ लिया गया। उसने पुलिस को सारी सच्चाई बताई। रूपा ने बताया कि माता पिता उसे तलाश लेते, इसलिए उसने अपने जैसी किसी लड़की को मारने की तैयारी कर ली और अपनी बहन की जान ले ली। लेकिन पुलिस ने उसे तलाश लिया।