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Banswara में 85 वर्षीय वृद्ध ने अनास पुल से नदी में लगाई छलांग, डूबने से मौत

 
Banswara में 85 वर्षीय वृद्ध ने अनास पुल से नदी में लगाई छलांग, डूबने से मौत 
बांसवाड़ा न्यूज डेस्क, बांसवाड़ा बीमारी से परेशान 85 वर्षीय बुजुर्ग ने अनास पुल से नदी में कूदकर आत्महत्या कर ली। आनंदपुरी बावड़ी निवासी रामा मनिया ने बताया कि उसके चाचा 85 वर्षीय रंगा पुत्र वागला घर पर अकेले थे। पूरा परिवार मनसा चौथ व्रत के लिए गांव के मंदिर में गया था. इस दौरान रंगा ने घर में मौजूद बच्चों से कहा कि वह गांव में एक मृतक के परिवार में बैठने जा रहा है. सुबह रवाना होकर 10 किलोमीटर दूर अनास नदी के पुल पर पहुंचा और नदी में छलांग लगा दी। घटना को ग्रामीणों ने भी देखा और मामले की जानकारी पुलिस को दी. इसके बाद परिजन भी आ गए, मौके पर मौजूद मछुआरों ने भी रंगा को बचाने की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हो सके. पुलिस ने रंगा के शव को कब्जे में लेकर आनंदपुरी अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया. भतीजे राम का कहना है कि उन्हें भी नहीं पता चल रहा है कि इसके पीछे क्या वजह है. वह बीमारी से पीड़ित थे और हाल ही में दवा ली थी और कुछ दिनों तक ठीक रहे। एसआई नरेंद्र सिंह ने बताया कि रंगा का मानसिक संतुलन ठीक नहीं था।

हर 32 मीटर पर एक गड्ढा

जिस तरह से नेशनल हाईवे दिल्ली मुंबई कॉरिडोर अपनी रफ्तार और हाईवे पर मिलने वाली सुविधाओं के कारण देश में चर्चा में है। वहीं बांसवाड़ा से गुजरने वाला नेशनल हाईवे 927ए अपनी खराब हालत के कारण चर्चा में है. 3 चरणों में बनने वाले इस हाईवे में पहले चरण में बांसवाड़ा से बजवाना तक कुल 23 किमी लंबा हाईवे 4 साल पहले 56 करोड़ की लागत से बनाया गया था. लेकिन 23 किमी में मात्र 5 किमी ही सड़क सही है. 18 किलोमीटर लंबी सड़क पर 700 से ज्यादा गड्ढे हैं। यह देश का पहला हाईवे है जिसकी मरम्मत इसके निर्माण के बाद से हर साल की जा रही है। चौंकाने वाली बात यह है कि जहां ठेकेदार हर साल मरम्मत करता है, वह हिस्सा भी हर साल उखड़ रहा है। ठेकेदार ने सड़क निर्माण में जमकर भ्रष्टाचार तो किया ही, पेंचवर्क में भी घटिया सामग्री का उपयोग किया जा रहा है। इन दिनों बारिश का मौसम है.

ऐसे में अगर यहां रफ्तार पकड़ी तो हादसा तय है। जगह-जगह गड्ढों में पानी भर गया है। अगर एक-दो दिन बारिश न हो तो यहां धूल के बादल उड़ने लगते हैं। यानी हर तरफ से पैदल यात्री और वाहन चालक यहां खतरे के साथ सफर कर रहे हैं. कूपड़ा ओवरब्रिज पर सड़क से उखड़ा डामर। रात में बारिश का पानी ओवरब्रिज पर भरने से हादसे होते हैं। भास्कर ने हाईवे की दुर्दशा की पड़ताल की तो 23 किमी की इस सड़क पर करीब 700 गड्ढे हैं। इनमें से कुछ गड्ढे डेढ़ से दो फीट गहरे और 5-6 फीट चौड़े हैं। यहां औसतन हर 30-32 मीटर पर एक गड्ढा मिलेगा। जब बारिश रुकती है तो इन गड्ढों की मरम्मत करने के बजाय मिट्टी डालकर भर दिया जाता है, जो बारिश के पानी में बह जाती है।