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Banswara विकास कर से बचाव, शहर के 80 फीसदी होटल 52 लाख रुपये दबाये बैठे

 
Banswara विकास कर से बचाव, शहर के 80 फीसदी होटल 52 लाख रुपये दबाये बैठे
बांसवाड़ा न्यूज़ डेस्क, बांसवाड़ा शहर की सीमा में आए दिन नए होटल -रेस्टोरेंट खुल रहे हैं। बीते कुछ वर्षों में ही देखें तो इस व्यापार में लोगों ने तेजी से कदम रखा है। फिर चाहें कैफे हो या होटल-रेस्टोरेंट इस व्यापार के प्रति बांसवाड़ा में लोगों का रुझान काफी बढ़ा है। लेकिन, जानकार अचरज होगा कि शहरी सीमा में संचालित होटल- रेस्टोरेंट में 80 फीसदी बिना लाइसेंस के अवैध रूप से संचालित हैं। यहां तक की इन होटल -रेस्टोरेंट की ओर से तकरीबन 52 लाख रुपए का नगरीय विकास कर (अर्बन डेवलपमेंट टैक्स) भी जमा नहीं कराया गया। नगर परिषद में सूचीबद्ध 20 होटल-रेस्टोरेंट में सिर्फ दो प्रतिष्ठानों ने ही लाइसेंस ले रखा है एवं हाल ही में दो के संचालकों ने लाइसेंस के लिए आवेदन किया है। वहीं, 20 में से 17 प्रतिष्ठानों ने नगरीय विकास कर जमा नहीं कराया है।

नगरीय विकास कर का निर्धारण सम्पत्ति के वास्तविक उपयोग के आधार पर किया जाता है। आवंटन चाहें किसी भी उपयोग कि लिए किया गया हो। साथ ही कर का दायित्व स्वामित्व एवं अधिवास के आधार पर निर्धारित किया गया है। स्वतंत्र आवास में कर का निर्धारण भूमि के क्षेत्र के आधार पर किया जाना सुनिश्चित किया गया है। फ्लैट पर कर निर्धारण निर्मित क्षेत्र(वर्गगज में) के आधार पर करना निर्धारित है। इसके अतिरिक्त भी सरकार के द्वारा अन्य कई प्रावधान निर्धारित किए गए हैं।

नगर निगम, नगर परिषद और नगर पालिका क्षेत्र में कृषि भूमि को छोड़कर निकायों के क्षेत्र की भूमि या निर्मित क्षेत्र/तल में कर लेने का प्रावधान है। इसमें आवासीय इकाई, व्यावसायिक इकाई, संस्थानिक इकाई एवं औद्योगिक इकाई पर विभिन्न शर्तों सहित कर लेने का प्रावधान है। राज्य सरकार के निदेशानुसार लाइसेंस धारक को लाइसेंस समाप्ति की तिथि से 30 दिवस की अवधि में लाइसेंस का नवीनीकरण कराना अनिवार्य है। विलंब की स्थिति में लाइसेंस फीस की राशि का प्रतिमाह 5 प्रतिशत राशि शास्ति के रूप में वसूलने का प्रावधान है। नियमानुसार नगर निगम, नगर परिषद और नगर पालिका क्षेत्र में संचालित होटल रेस्टोरेंट के लिए शुल्क का अलग-अलग निर्धारण किया गया है। बांसवाड़ा की बात करें तो यहां नॉन स्टार होटल-रेस्टोरेंट संचालित है। इसमें 15 तरह के प्रतिष्ठानों के लिए लाइसेंस शुल्क निर्धारित है। इसमें न्यूनतम 500 रुपए से लेकर अधिकतम 7500 रुपए शुल्क निर्धारित है। नगरीय विकास शुल्क को लेकर परिषद की ओर कवायद शुरू जारी है। पहले भी नोटिस जारी किए गए हैं। लाइसेंस रिन्यू कराने को लेकर भी जागरूक करेंगे।