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Banswara शहर की बावड़ियों का हाल बुरा, डायरिया से 350 लोग बीमार

 
Banswara शहर की बावड़ियों का हाल बुरा, डायरिया से 350 लोग बीमार
बांसवाड़ा न्यूज़ डेस्क, बांसवाड़ा दशकों से बांसवाड़ा शहर के लोगों की पानी की जरूरत को पूरा करती आ रही बावडिय़ों की दशा अभी खराब है। आलम यह है कि अधिकांश बावडिय़ां कचरे से अट चुकी हैं। सबसे ज्यादा धनावाव बावड़ी की स्थिति खराब है। इस बावड़ी में तो खूब काई उतरा रही है। गंभीर बात यह है कि इन सभी बावडिय़ों से आसपास के इलाकों में पानी की सप्लाई इन्हीं बावडिय़ों से की जाती है। सप्लाई के इस पानी का उपयोग क्षेत्रीय लोग पीने में भी करते हैं। वहीं, दूसरी ओर नजर डालें तो आजाद चौक डिस्पेंसरी में बीते 10 दिनों में तकरीबन 350 मरीज सिर्फ डायरिया से ग्रसित होकर पहुंचे हैं।

इन बावड़ियों में ये मिला कचरा

1. राईवाव, डेगली माता चौक : इस बावड़ी के पानी में चप्पल, प्लास्टिक की खाली बोतलें एवं अन्य कचरा मिला।

2. सिंहवाव बावड़ी, सिंहवाव : इस बावड़ी में कचरा, प्लास्टिक और प्लास्टिक के बारे पड़े मिले।

3. पाला बावड़ी : यहां साफ-सफाई व्यवस्था सही मिली। पानी में किसी प्रकार की गंदगी नहीं थी।

1. धनावाव बावड़ी : धार्मिक महत्व भी खूब

शहर की मुख्य बावड़ियों में एक धनावाव बावड़ी का धार्मिक महत्व भी खूब है। शहर के प्रसिद्ध मंदिरों के पास स्थित इस बावड़ी में धार्मिक कार्यों के लिए जल भी लिया जाता है। इतना ही नहीं आसपास के इलाकों में इस बावड़ी से पेयजल की सप्लाई भी की जाती है। इस बावड़ी का इतना महत्व होने के बाद भी इस बावड़ी की सफाई पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता। जब इस बावड़ी पर पहुंची तो आंखें खुली रही गई। पूरी बावड़ी में सिर्फ काई ही काई उतरा रही थी। इस दौरान मंदिर के पुजारी दिनेश चंद्र वैष्णव भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने बताया कि कई बार जलदाय विभाग के कार्मिक को काई हटाने के लिए कहा लेकिन एक भी बार नहीं सुना। यहां तक भी कहा की सामान में दे देता हूं आप काई तो हटवा दो लेकिन उसने एक भी न सुनी। आजाद चौक डिस्पेंसरी के ठीक बगल में स्थित हाथीवाव बावड़ी की हालत देख लगा मानों यहां लंबे समय से सफाई नहीं की गई। इस बावड़ी में प्लास्टिक की थैलियां, बोतलें एवं तमाम कचरा देखने को मिला।