Alwar 400 लिपिकों की गलत प्रोन्नति अभी रद्द नहीं, नई तैयारी शुरू
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इस तरह सीनियर लिपिकों को किया जूनियर: पंचायती राज के लिपिकों की एक अस्थायी वरिष्ठता सूची 14 मार्च 2023 को जिला परिषद ने जारी की थी। उस सूची में वर्ष 2013 के लिपिकोें को ऊपर रखा गया था और 2014 के बाबुओं को सूची में नीचे रखा गया था। आपत्तियां 28 मार्च तक मांगी गई थी और विकास अधिकारियों को 31 मार्च तक इसका प्रमाण पत्र देने के लिए कहा गया था। आरोप है कि परिषद ने वर्ष 2014 में लगे लिपिकों को फायदा देने के लिए स्थाई सूची का प्रकाशन 6 महीने तक रोके रखा। 6 महीने बाद सितंबर में फिर से जो अस्थाई सूची जारी की गई है, उसमें जुलाई के सर्कुलर का हवाला दिया गया है। यानी की 6 महीने तक सूची को जुलाई के सर्कुलर आने के इंतजार में रोका गया। वर्ष 2013 में चयनित कई लिपिकों में आक्रोश पनपा। वह सरकार के पास जा पहुंचे। सरकार ने कर्मचारियों की बात जायज मानते हुए इस मामले में एक्शन लेने के लिए कहा लेकिन अब तक किसी भी जिम्मेदार पर कार्रवाई नहीं हुई। इससे कर्मचारियों में आक्रोश है।
इन जिलों से सीख ले जिला परिषद
नागौर, जोधपुर, बांसवाड़ा, गंगानगर, हनुमानगढ़, सवाई माधोपुर, बाड़मेर, जालौर, झुंझुनूं आदि जिलों ने भी लिपिकों की अस्थायी वरिष्ठता सूची जारी की थी। इन जिलों ने भी उसी नियम के तहत सूची जारी की है, जिस नियम के तहत जिला परिषद अलवर ने जारी की है लेकिन इन सभी जिलों ने वर्ष 2014 की बजाय वर्ष 2013 में चयनित बाबुओं को सीनियर मानते हुए सूची जारी की है।