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आखिर क्या है रमजान की सबसे पवित्र रात ? जब अल्लाह सारे गुनाह माफ़ कर कुबूलते है अपने बंदों की दुआ, यहां विस्तार से जाने सबकुछ

 
आखिर क्या है रमजान की सबसे पवित्र रात ? जब अल्लाह सारे गुनाह माफ़ कर कुबूलते है अपने बंदों की दुआ, यहां विस्तार से जाने सबकुछ 

मुसलमानों के लिए पवित्र रमजान का महीना खत्म होने वाला है। पूरे महीने मुसलमान रोजा रखकर अल्लाह की इबादत करते हैं। रमजान के आखिरी दिनों की कुछ रातों को शब-ए-कद्र के नाम से जाना जाता है। रमजान के आखिरी 10 रोजों में से पांच रातें शब-ए-कद्र की रातें होती हैं। रमजान महीने की 27वीं रात और शब-ए-कद्र की चौथी रात गुरुवार को पड़ी। शब-ए-कद्र की रात रमजान महीने की एक शुभ रात मानी जाती है। किशनगढ़ बास मस्जिद के इमाम ने लोकल 18 को बताया कि रमजान महीने की 27वीं रात और शब-ए-कद्र की चौथी रात पड़ी। शब-ए-कद्र की रात को पवित्र रात माना जाता है।

रमजान के पूरे 30 दिनों में शब-ए-कद्र की पांच रातें
रमजान महीने की 21वीं, 23वीं, 25वीं, 27वीं और 29वीं रातें शब-ए-कद्र की 5 रातों में शामिल हैं। शब-ए-कद्र वो रात है जो 1000 महीनों की इबादत से बेहतर है। इस रात खुदा की इबादत की जाती है और कुरान पढ़ी जाती है। इसमें दुआएं कबूल होती हैं और अल्लाह से माफी मांगकर गुनाहों की माफी मिलती है। शब-ए-कद्र की आखिरी रात इस रमजान के 29वें रोजे यानी रविवार, 30 मार्च 2025 को होगी।

जकात का क्या है नियम?

मौलाना ने लोकल 18 को बताया कि इस दिन मुस्लिम समुदाय के लोग मस्जिद में खुदा की इबादत करेंगे। जकात (दान) भी इबादत का एक तरीका है। जकात उस गरीब व्यक्ति को दी जाती है जिसके पास साढ़े 52 तोला चांदी, साढ़े 7 तोला सोना या उनकी कीमत के बराबर रकम बैंक में या बेचने लायक संपत्ति हो। इसके एक साल बाद इन पर 2.5 फीसदी जकात दी जाती है।